संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भाग लेने पहुंचे भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 20 सितंबर को 77वें सत्र के अध्यक्ष साबा कोरोसी के साथ बैठक की। इस बैठक में जयशंकर ने बहुपक्षवाद के प्रति भारत की गहरी प्रतिबद्धता दोहराई। इस दौरान उन्होंने वैश्विक प्रगति के लिए सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के एजेंडे की जरूरत पर भी चर्चा की।
विदेश मंत्री ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में भारत के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा, भारत का मानना है कि वैश्विक एजेंडे में विश्व बिरादरी की वास्तविक जरूरतों पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। मौजूदा समय में ये जरूरतें ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, कर्ज तथा उर्वरक-स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के रूप में दिखाई दे रही हैं।
अल्बानिया से द्विपक्षीय रिश्तों की मजबूती पर जोर
-भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने अल्बानिया की विदेश मंत्री ओल्टा जहाका के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई। जयशंकर ने ओल्टा जहाका के साथ मुलाकात की तस्वीरें भी ट्वीट की और कहा कि हमने सुरक्षा परिषद में हमारे करीबी सहयोग को महत्व दिया है। इसके अलावा अल्बालिया से द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई।
जी-20 समूह के अलावा म्यांमार की स्थिति पर भी बातचीत
विदेश मंत्री ने इंडोनेशिया के विदेश मंत्री रेटनो मार्सुडी से जी-20 समूह के अलावा म्यांमार की स्थिति पर भी बातचीत की। इंडोनेशिया अभी जी-20 का अध्यक्ष है और उसके बाद भारत समूह की अध्यक्षता करेगा। भारत एक दिसंबर 2022 से 20 नवंबर 2023 तक एक वर्ष के लिए समूह की अध्यक्षता करेगा। इस बैठक में दोनों पक्षों ने जी20, उससे जुड़ी चुनौतियों और आगे की रणनीति पर विचार साझा किए। दोनों ने म्यांमार गतिरोध पर चर्चा भी की।