प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रमुख परियोजनाओं में से एक मेक इन इंडिया के आठ साल पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि, मेक इन इंडिया परियोजना के माध्यम से देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) तेजी से बढ़ा है, जो चालू वित्त वर्ष में 100 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। मेक इन इंडिया भारतीय अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करते हुए दुनिया के एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र और निवेश स्थल के रूप में विकसित हो रहा है।
एफडीआई होगा दोगुना
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा कि आठ वर्षों में सालाना आधार पर एफडीआई दोगुना होकर 83 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। मंत्रालय का दावा है कि यह वित्त वर्ष 2022-23 में यह 100 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। मंत्रालय के अनुसार सरकार देश में सेमीकंडक्टर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को प्राप्त किया जा सके।
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खिलौनों का निर्यात बढ़ा
मंत्रालय के मुताबिक उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) से अबतक स्वीकृत सभी 14 क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर विनिर्माण को भारी बढ़ावा मिला है। मंत्रालय ने कहा कि इस वर्ष अप्रैल से अगस्त के बीच भारत से खिलौनों का निर्यात 2013 की इसी अवधि की तुलना में 636 फीसदी ज्यादा रहा। भारत में 31 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में 57 तरह के उद्योग धंधों में एफडीआई आया है। दुनिया के 101 देशों की कंपनियां भारत में सीधे निवेश काम कर रही हैं। मंत्रालय के मुताबिक वित्त वर्ष 2014-15 में एफडीआई 45.15 अरब डॉलर के बराबर था, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 83.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो चालू वित्त वर्ष में 100 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने 2014 में मेक इन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जिसके 25 सितंबर, 2022 को आठ वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस कार्यक्रम को भारत में निवेश को सुगम बनाने, नवप्रवर्तन को प्रोत्साहित करने, कौशल विकास और विश्व-स्तरीय विनिर्माण सुविधाओं के विस्तार के लिए सरकार ने शुरू किया था।