उत्तराखंड के पौड़ी जनपद के अंतर्गत स्थित अवतंरा रिसॉर्ट में कार्यरत 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी का शव आज पैतृक अलकनंदा के तट पर पंचतत्व में विलीन हाे गया। अंकिता को श्रद्धांजलि देने को तट पर भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
अंकिता का शव 25 सितंबर को एम्स में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पोस्टमार्टम के बाद उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया था। अंकिता का शव शाम को उसके पैतृक गांव श्रीकोट के राजस्व गांव धूरों पहुंचा दिया गया था, जहां 25 सितंबर की सुबह भारी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति में उसे श्रद्धांजलि दिए जाने के बाद अलकनंदा के तट पर पंचतत्व में विलीन कर दिया गया।
फांसी देने की मांग
अंतिम यात्रा के दौरान लोग आरोपितों को फांसी दिए जाने की मांग को लेकर नारेबाजी भी करते रहे। अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी और मौसा एमएस राणा ने पुलिस प्रशासन से अंकिता के हत्यारों को फांसी दिलाए जाने की मांग की है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती भी की गई थी। मौके पर श्रीनगर के उप जिला अधिकारी अजयवीर भी मौजूद थे।
पानी में डूबने से हुई मौत
एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया कि अंकिता के शव का पोस्टमार्टम 24 सितंबर को 4 सदस्यों के चिकित्सक दल ने किया। यह सुबह 10.00 बजे से प्रारंभ होकर शाम 4.30 बजे तक चलता रहा। इसमें अंकिता के शरीर पर चोटों के कई निशान पाए गए हैं, हालांकि प्राथमिक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में मौत का कारण पानी में डूबना भी बताया गया है। एम्स के चिकित्सकों के मुताबिक अंकिता के शरीर पर बिना धार की वस्तु से की गई चोट के निशान मिले हैं। रिपोर्ट में पानी में डूबने के कारण खून में ऑक्सीजन का स्तर कम होना भी मौत का कारण बताया गया है।
26 सितंबर को आएगी रिपोर्ट
उधर एसडीआरएफ की टीम द्वारा जब 24 सितंबर की सुबह अंकिता का शव नहर से निकाला गया था, ताे उस समय उसकी एक आंख भी बाहर निकली हुई थी लेकिन पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं किया गया है। इसकी अंतिम रिपोर्ट 26 सितंबर को पुलिस कॉल सौंप दी जाएगी। इसी रिपोर्ट में अंकिता भंडारी के साथ दुष्कर्म होने या ना होने की पुष्टि भी की जाएगी। पुलिस अब तक अंतिम रिपोर्ट की प्रतीक्षा करेगी।
18 सितंबर से संदिग्ध हालत में लापता
गौरतलब है कि रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी गत 18 सितंबर से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई थी। उसके घर नहीं होने पर परिजनों ने अनहोनी आशंका जताते हुए राजस्व पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इसके बाद यह मामला पुलिस के पास भेजा गया और पुलिस ने इस मामले में सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया और 24 सितंबर को उसका शव हरिद्वार के पास चीला नहर से एसडीआरएफ ने बरामद कर लिया था।