संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर मुखर रूप से चीन और पाकिस्तान पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र में घोषित आतंकवादियों का बचाव करने वाले देश न तो अपने हितों और न ही अपनी प्रतिष्ठा को ध्यान में रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी टिप्पणी चाहे किसी भी मंशा से क्यों न की गई हो, कभी भी खून के धब्बे नहीं ढक सकती।
जयशंकर ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि घोषित आतंकवादियों का बचाव करने की हद तक भारत के पड़ोसी देश यूएनएससी 1267 प्रतिबंध व्यवस्था का राजनीतिकरण करते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि दशकों से सीमा पार आतंकवाद का खामियाजा भुगतता रहा भारत जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण की दृढ़ता से वकालत करता है। हमारे विचार में आतंकवाद के किसी भी कृत्य को कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता है।
रूस ने भारत और ब्राजील की स्थाई सदस्यता का किया समर्थन
रूस ने भारत और ब्राजील को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की स्थाई सदस्यता के लिए योग्य उम्मीदवार बताते हुए उनका समर्थन किया है। रूस ने दोनों देशों को अहम अंतरराष्ट्रीय किरदार करार दिया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें वार्षिक सत्र में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शनिवार को सुरक्षा परिषद की सदस्यता के लिए भारत के नाम के प्रति समर्थन व्यक्त किया।
लावरोव से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस को कई क्षेत्रों में अहम साझेदार बताते हुए कहा कि रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से हुई उनकी चर्चा द्विपक्षीय सहयोग के साथ-साथ यूक्रेन संघर्ष पर भी केंद्रित रही। जयशंकर ने कहा, हमने कई मुद्दों पर चर्चा की। मेरी उनके साथ हुई बैठक का एक हिस्सा द्विपक्षीय सहयोग पर केंद्रित रहा, क्योंकि रूस कई क्षेत्रों में हमारा अहम साझेदार है। विदेश मंत्री ने न्यूयॉर्क में भारतीय संवाददाताओं से बातचीत में यह जवाब दिया।
एंटोनियो गुटेरस से यूक्रेन संघर्ष और वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 24 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के महासचिव एंटोनियो गुटेरस से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान, रूस-यूक्रेन युद्ध सहित वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की गई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि एंटोनियो गुटेरस से कई मुद्दों पर बातचीत हुई। विदेश मंत्री इस अमेरिका की 10 दिवसीय यात्रा पर हैं।
इससे पहले वह बेलारूसी समकक्ष व्लादिमीर मेकी, मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद, आर्मेनिया के विदेश मंत्री अरारत मिर्जोयान, सऊदी अरब के समकक्ष फैसल बिन फरहान और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के प्रशासक अचिम स्टेनर से मुलाकात की। एस जयशंकर ने ट्वीट में बताया कि “संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस के साथ वैश्विक चुनौतियों पर काफी देर तक चर्चा हुई। मुलाकात के दौरान यूक्रेन संघर्ष, संयुक्त राष्ट्र सुधार, जी-20, जलवायु कार्रवाई, खाद्य सुरक्षा और विकास के मुद्दे को उठाया गया।
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