राजस्थान में कांग्रेस में जारी राजनीतिक संकट का कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष के उम्मीदवार माने जा रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस पद से इस्तीफा देना था और कथित रूप से इस कुर्सी पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की ताजपोशी होनी थी, लेकिन गहलोत समर्थक विधायकों को पार्टी हाई कमान का यह फैसला पसंद नहीं आया। इसके विरोध में 80 विधायकों ने विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी को इस्तीफा सौंप दिया है।
गहलोत समर्थक ये विधायक आरपार की लड़ाई के मूड में दिख रहे हैं। इन्होंने पद से इस्तीफा देने के साथ ही पार्टी पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से मिलने से भी इनकार कर दिया।
इस तरह है दलगत स्थिति
विधानसभा में कुल सीटः 200
कांग्रेसः 108
भाजपाः 71
निर्दलीयः 13
आरएलपीः 3
सीपीएमः 2
बीटीपीः 2
आरएलडीः 1
भाजपा के लिए आसान नहीं है ऑपरेशन लोटस
अगर पायलट का समर्थन करने वाले 16 विधायक भाजपा का समर्थन कर सरकार बनाने की कोशिश करते हैं तो भी बहुमत जुटा पाना मुश्किल है। इसका कारण यह है कि यहां बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 100 है। यानी इस आंकड़े को प्राप्त करने के लिए भाजपा को कांग्रेस के गहलोत गुट में सेंध लगानी पड़ेगी या फिर अन्य पार्टियों के विधायकों का समर्थन प्राप्त करना होगा। फिलहाल प्रदेश में राजनीतिक स्थिति ऐसी नहीं है कि भाजपा यहां सरकार बनाने के लिए विधायकों के आंकड़े जुटा सके।