राष्ट्रहित में पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाए गए: डॉ. सरमा

इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उससे संबद्ध संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया।

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देशहित में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाए गए हैं। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने ये बातें 28 सितंबर को मीडिया से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कामरूप (मेट्रो), बाक्सा और करीमगंज जिलों में पहले ही स्थापित किए गये पीएफआई और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के कुछ कार्यालयों को सील कर दिया गया है।

इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उससे संबद्ध संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने इस साहसिक कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा, ‘मैं इस आदेश का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। केंद्र सरकार ने राष्ट्र हित में उचित निर्णय लिए हैं। मैं यह साहसिक निर्णय लेने के लिए गृह मंत्रालय, विशेष रूप से अमित शाह को धन्यवाद देता हूं। असम सरकार ने पहले ही इस संबंध में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि पीएफआई सदस्यों और समर्थकों पर कार्रवाई तेज की जाएगी।

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नापाक मंसूबे तैयार
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले के संबंध में राज्य भर में अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है। सभी जिलों ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पीएफआई और सीएफआई ने असम के विभिन्न हिस्सों में शांति भंग करने के लिए नापाक मंसूबे तैयार किए थे। केंद्र को सूचित कर दिया गया है कि गोरुखुटी में क्या हुआ था। गोरुखुटी में हुई पूरी घटना के पीछे पीएफआई का हाथ था। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएफआई ने चरमपंथी गतिविधियों में लिप्त होने के लिए कई लोगों का ब्रेनवॉश किया है।

आतंकी संगठनों के खिलाफ तत्काल और अविलंब कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा है कि 28 सितम्बर को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि ‘पीएफआई और उसके सहयोगी या सहयोगी मोर्चे, देश में आतंक का राज कायम करने के इरादे से हिंसक आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे। जो देश और जनता की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए काफी है। पीएफआई की राष्ट्र विरोधी गतिविधियां, केंद्र की व्यवस्था, राज्य के संवैधानिक अधिकार और संप्रभुता का अनादर और अवहेलना करना है। इसलिए जरूरी है कि आतंकी संगठनों के खिलाफ तत्काल और अविलंब कार्रवाई की जाए।

रोकथाम अधिनियम के तहत प्रतिबंधित
डॉ. सरमा ने कहा, इस अधिसूचना के माध्यम से पीएफआई से संबद्ध पुनर्वसन इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल वूमेन फ्रंट (एनडब्ल्यूएफ), जूनियो फ्रंट (जेएफ), एम्पावर इंडिया फाउंडेशन (ईआईएफ) और रिहैब फाउंडेशन केरल (आरएफके) को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया है।

कट्टरपंथी संगठनों के खिलाफ लगातार चला
केंद्र सरकार का यह फैसला केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा राज्य सुरक्षा बलों के साथ मिलकर कट्टरपंथी संगठनों के खिलाफ लगातार चलाए जा रहे अभियानों में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में करीब 200 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किए जाने के बाद आया है। इनमें से 36 पीएफआई नेताओं और कार्यकर्ताओं को 27 और 22 सितंबर को अकेले असम से गिरफ्तार किया गया था।

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