कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र नाम दाखिल करने के अंतिम दिन 30 सितंबर को मल्लिकार्जुन खड़गे का सामने आया है। अशोक गहलोत , दिग्विजय सिंह को किनारे करके आखिर गांधी परिवार ने मल्लिकार्जुन खड़गे पर अपना दांव लगाया है । वे 30 सितंबर को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। अब यह तय हो गया है गांधी और गैर गांधी के बीच लड़ाई का कोई अर्थ नहीं है। कांग्रेस पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया भले ही शुरू की गई है । लेकिन ये एक पॉलिटिकल ड्रामा बन कर रह गया है। अब कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए जंग मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर में होगी ।
“जी 23”के नेताओं की बैठक
जी 23 समूह के चार सदस्यों आनंद शर्मा, भूपेन्द्र सिंह हुड्डा , पृथ्वीराज चव्हाण और मनीष तिवारी ने भी कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा की है। पृथ्वीराज चव्हाण कहते हैं कि अच्छा है कम से कम कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव तो हो रहा है । नामों को सामने आने दीजिए, हमने कुछ नामों के बारे में सुना है । जो भी उम्मीदवार सबसे अच्छा होगा , हम उसका समर्थन करेंगे ।
कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव से क्या हासिल होगा?
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव महज एक औपचारिकता मात्र बन कर रह गया है। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि इसकी पूरी स्क्रिप्ट पहले ही लिखी जा चुकी थी । जिस तरह से कांग्रेस के अनुभवी नेता जी 23 बनाकर मुखर हो रहे थे । ऐसे में कांग्रेस में बचे -खुचे वरिष्ठ नेताओं को किनारे लगाना था . राजस्थान के मुख्यमंत्री इसका ताजा उदाहरण है । दरअसल कांग्रेस में अब राहुल गांधी का युग शुरू हो गया है ।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रक्रिया
कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से शुरू हुई थी। 30 सितंबर नामांकन पत्र दाखिल करने का अंतिम दिन है । नामांकन वापस करने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर है । अगर शशि थरूर आखिर तक मैदान में डटे रहते हैं तो 17 अक्टूबर को मतदान होगा और 19 अक्टूबर को परिणाम आएगा।
पार्टी को क्या लाभ?
सवाल यह है कि पार्टी को इस चुनावी प्रक्रिया शुरू करने से क्या लाभ हुआ? अगर हम पूरे प्रकरण पर नजर डालें तो यह कहना मुश्किल अतिश्योक्ति नहीं होगी, पार्टी अपने उद्देश्य में फेल हो गई है।