प्रखर राष्ट्रवादी कैप्टन सिकंदर रिजवी को जान से मारने की धमकी मिली है। उन्हें शुक्रवार दोपहर तीन बजे अज्ञात नंबर से संपर्क किया गया था और चौबीस घंटे में जान से मारने की धमकी दी गई है। इसके बाद कैप्टन सिकंदर रिजवी ने दिल्ली के चित्तरंजन पार्क पुलिस थाने में जाकर शिकायत लिखाई है।
हिंदू राष्ट्र शक्ति के संस्थापक कैप्टन सिकंदर रिजवी पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया का आतंकी गतिविधियों को रोकने की मांग करनेवाले पहले नेताओं में से हैं। इसके साथ ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद 370 और 35ए के निरस्तीकरण के प्रबल समर्थक हैं। संशोधित नागरिकता कानून को लेकर मुस्लिम समाज में फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए भी उन्होंने लगातार चर्चा सत्रों में हिस्सा लिया। कैप्टन सिकंदर रिजवी के यही राष्ट्रवादी विचार आतंकी गतिविधियों में संलिप्त लोगों को खल रही हैं। अब पीएफआई (पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया) पर प्रतिबंध के बाद इस्लामी जिहादियों ने अपनी करतूतें शुरू कर दी हैं। शुक्रवार दोपहर 3 बजे के लगभग कैप्टन सिकंदर रिजवी को अज्ञात नंबर से फोन आया था। जिसमें उनके साथ अश्लील भाषाओं का प्रयोग करते हुए चौबीस घंटे में जान से मारने की धमकी दी गई है।
राष्ट्रवादी विचारों पर खतरा
धमकी मिलने के बाद कैप्टन सिकंदर रिजवी ने दिल्ली के चित्तरंजन पार्क पुलिस थाने में शिकायत लिखाई है। उन्होंने कहा है कि,
मैं राष्ट्रवादी हूं, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए के निरस्तीकरण का मैंने प्रबल समर्थन किया था। इसी प्रकार संशोधित नागरिकता कानून, तीन तलाक, एनआरसी लागू करने के संबंध में विभिन्न प्रसार माध्यमों में, मैं अपना विचार रखता रहा हूं। पिछले लंबे काल से मैं पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग मीडिया के चर्चा सत्रों में करता रहा हूं।
यही कारण है कि पीएफआई से संलग्न आतंकी संगठनों के लोग धमकी दे रहे हैं। इसके कारण मुझे और मेरे परिवार को खतरा है। इस परिस्थिति में सुरक्षा एजेंसियां अपराधियों पर तत्काल कार्रवाई करें।
नुपुर के बाद अब कैप्टन… और कितने हिंदू, राष्ट्रवादी विचारक बनेंगे निशाना?
कैप्टन सिकंदर रिजवी के पहले इस्लामी जिहाद के निशाने पर भाजपा की तत्कालीन प्रवक्ता नुपुर शर्मा थीं। उन्होंने, एक प्रतिष्ठित टीवी चैनल के चर्चा सत्र में इस्लामी पक्ष रखनेवाले अतिथि को उसी की भाषा में तथ्यात्मक प्रमाण वाली बात रख करके अनुत्तरित कर दिया था, इसके बाद भी नुपुर शर्मा को निशाना बनाया गया था। इसके लिए देश भर में उनके नाम पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। नुपुर का समर्थन करनेवाले कन्हैयालाल और उमेश कोल्हे को तो नृशंस रूप से मौत के घाट उतार दिया गया। सूत्रों के अनुसार इस पूरे विरोध का टूलकिट पीएफआई जैसे संगठनों ने बनाया था, जिसे पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठनों का साथ मिला था।
अब कैप्टन सिकंदर रिजवी को मिली धमकी को केंद्रीय गृह मंत्रालय को कड़ाई से लेना चाहिये। जिससे राष्ट्राभिमानियों को सुरक्षा मिल सके। राष्ट्राभिमानी कैप्टन सिकंदर रिजवी को धमकी मिलने पर विभिन्न हिंदूवादी विचारकों ने चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से कड़ा कदम उठाने की मांग की है।
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