राज्य सरकार के घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बीच तकरार शुरू हो गई है। आरजेडी कोटे से मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने कहा था कि, कृषि विभाग में चोर हैं और वे सबसे बड़े चोर हैं। इस बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सुधाकर सिंह के बीच ठन गई थी।
आरजेडी के प्रदेशाध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र हैं सुधाकर सिंह, जो राज्य के कृषि मंत्री थे। त्यागपत्र देने की पुष्टि करते हुए जगदानंद सिंह ने कहा कि, कृषि मंत्री ने किसानों के हितों को लेकर आवाज उठाई थी और इसके लिए बलिदान देना पड़ता है, इसलिए उन्होंने त्यागपत्र दे दिया।
मुख्यमंत्री से मनमुटाव
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों कृषि विभाग की एक समीक्षा बैठक की थी। जिसमें कृषि मंत्री को भी नहीं बुलाया गया था। इससे मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के बीत खुलकर विद्रोह सामने आ गया था।
ये भी पढ़ें – कानपुर में भीषण हादसा, 26 लोगों की मौत! देखिये, मृतकों की पूरी सूची
बैठक छोड़ गए
उल्लेखनीय है कि महागठबंधन की सरकार में राजद कोटे से मंत्री बने सुधाकर सिंह ने भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल था। सुधाकर सिंह ने खुले मंच से विभाग के अधिकारियों को चोर और खुद को उनका सरकार बताया था। कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस बात को लेकर टोकने पर सुधाकर सिंह कैबिनेट की बैठक से उठकर चले गए थे। इसके बाद से ही उन्हें लेकर तरह-तरह की चर्चाएं थी।
दूसरी लालटेन बुझी
लालू प्रसाद के आरजेडी का चुनाव चिन्ह लालटेन है। अब राज्य सरकार में जगमगाते मंत्रियों में उसकी दूसरी लालटेन बुझी है। यानी आरजेडी कोटे से त्यागपत्र देनेवाले कृषि मंत्री सुधाकर सिंह दूसरे मंत्री हैं, इसके पहले गन्ना उद्योग मंत्री कार्तिकेय सिंह ने त्यागपत्र दे दिया था। कार्तिकेय की छवि दागदार है, उन पर अपहरण जैसे गंभीर प्रकरण में वारंट जारी हुआ था।
सुधाकर सिंह भी आरोपी
कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की छवि दागदार है। उन पर वर्ष 2013 में चावल घोटाले में संलिप्तता का आरोप है। इस प्रकरण में पंजीकृत एफआईआर में सुधाकर सिंह का नाम है।