चुनाव आयोग ने शिवसेना के दोनों गुटों के नाम जाहिर कर दिए हैं। शिंदे गुट की पार्टी का नाम बालासाहेबंची शिवसेना दिया गया है, जबकि उद्धव गुट की पार्टी का नाम शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे दिया गया है। इसके साथ ही उद्धव गुट को चुनाव चिह्न भी घोषित कर दिया गया है। ठाकरे गुट को चुनाव चिह्न मशाल दिया गया है।
उद्धव गुट को जहां पार्टी के नाम के साथ ही चुनाव चिह्न भी दे दिया गया है, वहीं शिंदे गुट को अभी तक चुनाव चिह्न नहीं दिया गया है। इस गुट को 11 अक्टूबर को यह चिह्न दिए जाने की संभावना है।
पार्टी के नाम को लेकर दोनों ही गुटों ने खुशी व्यक्त की है। शिंदे गुट ने जहां बालासाहेबंची शिवसेना नाम मिलने से खुशी का इजाहर किया है, वहीं उद्धव गुट भी शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे नाम मिलने से उत्साहित है। अब शिंदे गुट को चुनाव चिह्न मिलने का इंतजार है।
शिवसेना ने न्यायालय में दी है चुनौती
शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव चिह्न धनुष-बाण के इस्तेमाल पर रोक के निर्वाचन आयोग के फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। निर्वाचन आयोग ने उप चुनाव के लिए एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे द्वारा शिवसेना के चुनाव चिह्न धनुष-बाण और पार्टी के नाम के उपयोग पर रोक लगा दी थी।
चुनाव चिह्न फ्रीज करने का दिया था आदेश
सर्वोच्च न्यायालय ने 27 सितंबर को उद्धव गुट की याचिका खारिज करते हुए पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर निर्वाचन आयोग की कार्रवाई पर रोक से इनकार कर दिया था। उसके बाद निर्वाचन आयोग ने 8 अक्टूबर को शिवसेना के चुनाव चिह्न को फ्रीज करने का आदेश दिया था। निर्वाचन आयोग ने कहा था कि शिवसेना के दोनों गुटों में से कोई भी उपचुनाव में चुनाव चिह्न धनुष-बाण का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। आयोग का ये आदेश मुंबई की अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट के लिए होनेवाले उपचुनाव के लिए था। निर्वाचन आयोग के इसी आदेश को उद्धव गुट ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।