रूस ने 11 अक्टूबर को यूक्रेन पर लगातार मिसाइल और ड्रोन से हवाई हमले जारी रखा। इससे एक दिन पहले किए गए हमलों में 19 लोगों की मौत हो गई थी। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने इन हमलों को स्तब्धकारी बताया और कहा कि यह युद्ध अपराध के समान हो सकते हैं। यूक्रेन में 11 अक्टूबर की सुबह दूसरे दिन भी हवाई हमलों की चेतावनी जारी की गई और कीव और कई अन्य शहरों में कुछ महीनों की शांति के बाद कुछ निवासियों को वापस पनाहगाहों में भेजा गया।
यूक्रेन की राजधानी कीव समते 12 क्षेत्रों पर 10 अक्टूबर को रूस ने बमबारी की। यूक्रेन के अधिकारियों ने लोगों से रसद और पानी के भंडारण की सलाह के साथ सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। रूसी मिसाइलों के हमले में कई क्षेत्रों में बिजली चली गई है। राजधानी कीव के 67 वर्षीय निवासी वोलोदीमीर वसीलेंको ने कहा कि इन हमलों से डर नहीं लग रहा है बल्कि गुस्सा आ रहा है। उन्होंने कहा, हम इसके आदी हो चुके हैं और हम लडऩा जारी रखेंगे।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने मंगलवार को वीडियो लिंक के माध्यम से सात औद्योगिक शक्तियों के समूह (जी-7) को संबोधित किया। बैठक के बाद जी-7 के नेताओं ने कहा कि उनका देश यूक्रेन के साथ मजबूती से खड़ा है। रूस ने मंगलवार को बिजली संयंत्रों और असैन्य इलाकों पर बमबारी की। उसने सोमवार को भी ऐसा ही किया था।
राज्य आपात सेवा ने बताया कि दक्षिणी शहर ज़ापोरिज्जिया में सार्वजनिक स्थानों पर 12 मिसाइलें गिरने के बाद एक व्यक्ति की मौत हो गई और भीषण आग लग गई। एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि मिसाइलें, स्कूल, आवासीय इमारतों और अस्पतालों पर गिरी हैं।
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बिजली संयंत्रों को निशाना बनाया
पश्चिमी ल्वीव और विन्नीत्सया क्षेत्रों में बिजली संयंत्रों को निशाना बनाया गया है। इस वजह से देश के 300 से ज्यादा शहरों में बिजली गुल हो गई। अधिकारियों ने बताया कि यूक्रेन के बलों ने रूस की एक मिसाइल को कीव पहुंचने से पहले ही हवा में मार गिराया। राज्य आपात सेवा ने कहा कि 10 अक्टूबर को हुए हमलों में 19 लोगों की मौत हो गई और 105 लोग घायल हुए हैं।
रूस को क्रीमिया प्रायद्वीप से जोडऩे वाले एक पुल पर सप्ताहांत पर किए गए विस्फोट के जवाब में रूस ने यह हमले किए हैं। रूस ने 2014 में यूक्रेन से इस क्षेत्र को लेकर अपने देश में मिला लिया था। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आरोप लगाया कि 8 अक्टूबर को केरच ब्रिज पर किए गए हमले की मास्टरमाइंड यूक्रेन की विशेष सेवा है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त के दफ्तर की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने जिनेवा में 11 अक्टूबर को पत्रकारों से कहा कि बिजली संयंत्र और अन्य असैन्य ठिकानों पर हमले करना युद्ध अपराध की श्रेणी में आ सकता है।
वहीं, यूक्रेन पर परमाणु हमले को लेकर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि मॉस्को तब ही परमाणु हथियारों का सहारा लेगा जब रूस को तबाही का सामना करना पड़ेगा। सरकारी टीवी से बातचीत करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिमी देश रूस की मंशा को लेकर झूठी अटकलों को बढ़ावा दे रहे हैं।
इस बीच रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने 11 अक्टूबर को चेताया कि यूक्रेन को पश्चिमी देशों की सैन्य सहायता, नाटो के सदस्य देशों में उसके सैनिकों को प्रशिक्षित करना, यूक्रेन को उपग्रह का डेटा उपलब्ध कराना, पश्चिमी देशों को कीव की तरफ से संघर्ष में तेज़ी से शामिल कर रहा है।
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