चुनाव आयोग ने बहुप्रतिक्षित हिमाचल प्रदेश में चुनाव की घोषणा कर दी है। लेकिन गुजरात में चुनाव की तिथि घोषित नहीं की गई है। मुख्य चुनाव आयोग ने इस बारे में स्पष्ट करते हुए कहा कि गुजरात में भी इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होना है लेकिन चुनाव आयोग ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया है कि इससे नियम का उल्लंघन हुआ है। उम्मीद थी कि हिमाचल प्रदेश के साथ ही गुजरात में भी विधानसभा चुनाव की घोषणा की जाएगी। लेकिन आयोग ने केवल हिमाचल प्रदेश में चुनाव की घोषणा की।
नियम का उल्लंघन नहींः चुनाव आयोग
बता दें कि दो राज्यों में अगर एक साथ छह महीने में विधानसभा चुनाव का कार्यकाल समाप्त होता है तो चुनाव एक साथ घोषित होते हैं और मतगणना भी एक साथ होती है। गुजरात में चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं किए जाने पर राजीव कुमार ने कहा कि इसमें नियम का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। दोनों राज्यों के कार्यकाल खत्म होने में 40 दिनों का अंतर है। नियम के अनुसार चुनाव का अंतर कम से कम 30 दिन का हो तो ताकि एक का परिणाम का प्रभाव दूसरे राज्य में होने वाले चुनाव पर न पड़े।
इस कारण हिमाचल प्रदेश में पहले कराए जा रहे हैं चुनाव
मुख्य चुनाव आयोग ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बर्फवारी से पहले चुनाव चाहते हैं। राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग ने कई विशेषज्ञों से विचार विमर्श के बाद ये निर्णय लिया है। यहां आचार संहिता की समय सीमा 70 दिन से घटाकर 57 कर दी गई है। 2017 में दोनों प्रदेशों में चुनाव नवंबर में हुए थे और परिणाम दिसंबर में आए थे। वोटिंग दो चरणों में हुई थी।
हिमाचल प्रदेश में चुनाव की घोषणा
-हिमाचल प्रदेश में बहुप्रतिक्षित चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी गई है। मुख्य चुनाव आयोग राजीव कुमार ने 14 अक्टूबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में इसकी घोषणा की। अपनी घोषणा में मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 12 नवबंर को प्रदेश में मतदान कराया जाएगा। मतों की गिनती 8 दिसंबर को होगी। हालांकि गुजरात में चुनाव की तिथि की घोषणा अभी नहीं की गई है।
-68 सीटों वाली विधानसभा चुनाव की अधिसूचना 17 अक्टूबर को जारी की जाएगी। 25 अक्टूबर को नामांकन किया जा सकेगा और 27 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 29 अक्टूबर तक उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकेंगे और 12 नवंबर को मतदान होगा। मतों की गिनती 8 दिसंबर को होगी।
Join Our WhatsApp Community