परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत से 14 अक्टूबर को बंगाल की खाड़ी में सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (एसएलबीएम) का सफल परीक्षण किया गया। पूर्व निर्धारित सीमा तक किये गए परीक्षण में मिसाइल ने लक्ष्य क्षेत्र को उच्च सटीकता के साथ नष्ट किया। यह परीक्षण सभी परिचालन और तकनीकी मानकों पर खरा उतरा। भारत की पहली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत की लांचिंग 2009 में हुई थी। व्यापक समुद्री परीक्षण पूरे करने में 9 साल लगने के बाद अगस्त, 2016 में इसे समुद्र में उतारा गया था।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि आईएनएस अरिहंत ने 14 अक्टूबर को एक सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (एसएलबीएम) का सफल प्रक्षेपण किया। मिसाइल का पूर्व निर्धारित सीमा तक परीक्षण किया गया और बंगाल की खाड़ी में लक्ष्य क्षेत्र को बहुत उच्च सटीकता के साथ प्रभावित किया। हथियार प्रणाली के सभी परिचालन और तकनीकी मानकों को मान्य किया गया है। बयान में यह भी कहा गया कि आईएनएस अरिहंत से एसएलबीएम का सफल उपयोगकर्ता परीक्षण मिसाइल की योग्यता साबित करने और एसएसबीएन कार्यक्रम को मान्य करने के लिए महत्वपूर्ण है।
परमाणु शक्ति वाली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों की एक श्रेणी
अरिहंत श्रेणी भारतीय नौसेना के लिए बनाई जाने वाली परमाणु शक्ति वाली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों की एक श्रेणी है। इस श्रेणी की आईएनएस अरिहंत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों के अलावा किसी अन्य देश द्वारा बनाई जाने वाली पहली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी है। इसी श्रेणी की पहली बैलिस्टिक परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत को 2016 में नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया था। दूसरी पनडुब्बी अरिघाट 3 साल के समुद्री परीक्षणों के बाद नौसेना में शामिल होने को तैयार है। अरिहंत श्रेणी की 06 पनडुब्बियां रूस की मदद से बनाई जा रही हैं।
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ये है विशेषता
सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल को पनडुब्बियों से लॉन्च किया जा सकता है। आधुनिक संस्करण में कई परमाणु हथियार रखकर एक ही मिसाइल लॉन्च करके कई लक्ष्यों पर हमला किया जा सकता है। पनडुब्बी से दागी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें क्रूज मिसाइलों से अलग तरीके से संचालित होती हैं। आधुनिक पनडुब्बी-प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइलें अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम) से संबंधित हैं, जिनकी सीमा 5,500 किलोमीटर से अधिक है। कई मामलों में एसएलबीएम और आईसीबीएम परमाणु हथियारों के एक ही परिवार का हिस्सा हो सकते हैं।