केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 14 अक्टूबर को विशेष न्यायालय में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की जमानत याचिका का जोरदार विरोध किया। उसके बाद विशेष कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई 18 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।
सीबीआई ने दी दलील
-विशेष कोर्ट में सीबीआई के वकील आशीष चव्हाण ने कहा कि अनिल देशमुख और उनके दो सहायकों के विरुद्ध वसूली के सबूत मिलने के बाद ही मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई की ओर से मामला दर्ज किए जाने के बाद अनिल देशमुख ने गृहमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अनिल देशमुख ने अपने सहायकों के माध्यम से मुंबई के होटलों से रंगदारी वसूल करवाई थी। इसकी स्वीकृति सरकारी गवाह बने पूर्व पुलिसकर्मी सचिन वाजे ने दी है। मामले की जांच जारी है और जमानत देने पर जांच प्रभावित हो सकती है। सरकारी वकील की जिरह आज पूरी नहीं हो सकी। इसी वजह से मामले की सुनवाई कोर्ट ने 18 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
-दरअसल, हाई कोर्ट ने मनी लॉड्रिंग मामले में अनिल देशमुख को 4 अक्टूबर को जमानत दे दी थी। उसके बाद अनिल देशमुख की ओर से विशेष कोर्ट में जमानत की याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट के आदेश के मुताबिक 14 अक्टूबर को सीबीआई के वकील ने इस मामले में अपना उत्तर दाखिल किया और जमानत का विरोध किया ।
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यह है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये प्रतिमाह रंगदारी वसूलने का लक्ष्य देने का आरोप लगाया था। इसी आरोप के आधार पर सीबीआई ने परमबीर सिंह के विरुद्ध मामला दर्ज किया था। इसके बाद इस मामले की मनी लॉड्रिंग के एंगल के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने छानबीन की थी और पिछले वर्ष नवंबर महीने में अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया था। इस समय अनिल देशमुख न्यायिक हिरासत में हैं और उन्हें आर्थर रोड जेल में रखा गया है।