रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 14 अक्टूबर को कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में कहा कि उन्हें यूक्रेन युद्ध का कोई पछतावा नहीं है क्योंकि उनका देश जो कर रहा है वो सही है। ज्ञात रहे कि यूक्रेन युद्ध में हजारों लोग मारे गए हैं और लाखों विस्थापित हुए हैं लेकिन पुतिन को का कहना है कि उसे इस पर कोई पछतावा नहीं है। इस दौरान उन्होंने भारत का भी जिक्र किया है।
गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध के शुरू होने से पहले ही भारत कहता आ रहा है कि इस मसले का हल शांतिपूर्ण बातचीत से होना चाहिए। हालांकि भारत के प्रस्ताव पर रूस टालमटोल करता रहा लेकिन 14 अक्टूबर को पहली बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कबूल किया कि भारत शुरुआत से ही शांतिपूर्ण बातचीत के पक्ष में है। पुतिन ने भारत के साथ चीन का भी नाम लिया। उन्होंने कहा कि दोनों देश शांतिपूर्ण बातचीत के पक्ष में हैं।
पुतिन की ये टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब करीब एक महीने पहले पीएम मोदी ने उज्बेकिस्तान में एक शिखर सम्मेलन में स्पष्ट शब्दों में कहा था कि ‘यह युग युद्ध का नहीं है।’
अस्ताना में संवाददाता सम्मेलन में पुतिन ने कहा कि “भारत और चीन ने यूक्रेन में शांतिपूर्ण बातचीत का समर्थन किया है।” हालांकि इस दौरान उन्होंने कहा कि यूक्रेन वार्ता के लिए तैयार नहीं था।
उज्बेकिस्तान के समरकंद शहर में पिछले महीने हुई शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से इतर पीएम मोदी ने पुतिन के साथ सीधी वार्ता की थी। इस दौरान पीएम ने कहा था कि ‘हम सब जानते हैं कि यह युग युद्ध का नहीं है और किसी भी मसले का हल बातचीत के जरिए निकाला जाना चाहिए।’
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पुतिन ने कहा कि उन्हें यूक्रेन पर आठ महीने लंबे युद्ध को लेकर कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा कि रूस का उद्देश्य अपने पड़ोसी को “नष्ट” करना नहीं है। पुतिन ने यह भी कहा कि नाटो सैनिकों के साथ सीधा संघर्ष विनाशकारी होगा। पुतिन ने कहा कि अभी के लिए, यूक्रेन पर किसी और बड़े हमले की योजना नहीं है। पुतिन से जब पूछा गया कि क्या उन्हें यूक्रेन में संघर्ष को लेकर खेद है या रूस जो कर रहा है वो सही है, इस पर उन्होंने कहा कि नहीं। उन्होंने कहा कि उन्हें यूक्रेन में संघर्ष के बारे में कोई पछतावा नहीं है जिसमें हजारों लोग मारे गए, कई शहर नष्ट हुए और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।
लेकिन इसके साथ पुतिन ने कहा कि आज जो हो रहा है वह सुखद नहीं है। लेकिन फिर भी, (अगर रूस ने फरवरी में हमला नहीं किया होता) तो हम एक ही स्थिति में होते, जिससे केवल हमारे लिए ही हालात बदतर होते। इसलिए हम सब कुछ ठीक कर रहे हैं। व्लादिमीर पुतिन ने आगे की योजना की ओर इशारा करते हुए यह भी कहा है कि सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त नागरिकों की सेना में तैनाती संबंधी उनके फैसले पर दो सप्ताह में पूरी तरह अमल किया जाएगा। पुतिन की टिप्पणी से पहले जर्मन रक्षा मंत्री क्रिस्टीन लैंब्रेच ने कहा था कि नाटो के सहयोगियों को यूक्रेन के समर्थन के साथ आगे बढ़ना चाहिए और परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की रूस की धमकियों को गंभीरता से लेना चाहिए।
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