चीन सीमा के पास से डेढ़ माह पहले लापता हुए अरुणाचल प्रदेश के दो युवकों का पता लगाने के लिए पुलिस ने भारतीय सेना से मदद मांगी है। दोनों युवक आखिरी बार 24 अगस्त को चीन सीमा के करीब जंगल में देखे गए थे। इसके बाद परिवार वालों ने दोनों की तलाश करने के लिए पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई, लेकिन नाकामी हाथ लगने के बाद अब सेना से मदद की गुहार की गई है।
अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले के गोइलियांग शहर निवासी बेटिलम टिकरो और बेइंग्सो मन्यु 19 अगस्त को औषधीय पौधों की तलाश में छगलागाम क्षेत्र के लिए निकले थे। दोनों युवक चीन के साथ सीमा के पास स्थित एक स्थान पर औषधीय पौधों की तलाश में निकलने के बाद लापता हो गए हैं। दोनों युवक आखिरी बार 24 अगस्त को देखे गए थे। इसके बाद से कोई पता न चलने पर दोनों लापता युवकों के परिवार वालों ने 9 अक्टूबर को पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
3,400 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा
लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक चीन के साथ 3,400 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) है। दरअसल, भारत-चीन सीमा पर घने जंगलों में कोई तारबंदी नहीं है जिसके कारण औषधीय पौधों की तलाश में निकले नागरिक कभी-कभी एक दूसरे की सीमा पार कर लेते हैं। कुछ समय पहले चीन के नागरिक भी रास्ता भटक कर भारत के सिक्किम पहुंच गए थे। बाद में भारतीय सेना ने उन्हें चीनी सेना के हवाले कर दिया था। लापता युवक टिकरो के परिजनों ने आशंका जताई है कि इस जंगली इलाके में जाने के बाद सीमा क्षेत्र का पता नहीं चलता है, इसीलिए वे अनजाने में चीन की सीमा पार कर गए होंगे।
पहले भी हो चुका है ऐसा
इसी साल जनवरी में अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले के ज़िदो गांव का 17 वर्षीय युवक मिराम तरोन एलएसी के पास से लापता हो गया था। पीएलए से बचकर भागने में कामयाब रहे तरोन के मित्र जॉनी यइयिंग ने स्थानीय अधिकारियों को अपहरण के बारे में जानकारी दी थी। बाद में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने इसे भारतीय सेना को सौंपा था। सितंबर, 2020 में भी पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच युवकों का अपहरण कर लिया था। बाद में भारतीय सेना के हस्तक्षेप के बाद पीएलए ने करीब एक सप्ताह के बाद सभी युवकों को रिहा कर दिया था।
पुलिस में मामला दर्ज
अंजॉ जिले के पुलिस अधीक्षक राईके कामसी ने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों ने 9 अक्टूबर को पुलिस के समक्ष गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। स्थानीय लोगों के लिए चीन सीमा से लगे जंगलों में औषधीय जड़ी-बूटियों की तलाश में जाना आम बात है। पुलिस की खोजबीन में युवकों का पता नहीं चल सका है, फिर भी हम परिवार के सदस्यों और सीमा के पास रहने वाले ग्रामीणों से की गई पूछताछ के बाद राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि हमने सेना से भी संपर्क किया है और हमारा तलाशी एवं बचाव अभियान जारी है।