महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने सूबे में गीला अकाल और किसानों के लिए मुआवजा घोषित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण किसानों की खरीफ और रबी दोनों फसलें बर्बाद हो गई हैं। राज्य सरकार को तत्काल मदद की घोषणा करनी चाहिए।
अजीत पवार ने 18 अक्टूबर को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि बारिश की वापसी से राज्य में हाहाकार मच गया है। पुणे में बाढ़ आ गई है। दूसरी ओर एक और चक्रवाती तूफान का खतरा मंडरा रहा है। इसलिए जनता को सतर्क रहना चाहिए। नदी के किनारे के लोगों को बांध से पानी छोड़ते समय सतर्क रहना चाहिए। राज्य सरकार को इन घटनाओं पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
पीड़ितों की सहायता करे सरकार
राज्य में बारिश ने कहर बरपा रखा है इसलिए कि पुणे, सानों की तुरंत मदद के लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा गया है। इस मुलाकात में वे इस मुद्दे को उठाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों की हालत दयनीय है। राज्य सरकार ने कहा था कि प्रभावित किसानों के खातों में पैसा जमा करेगी। लेकिन किसान कह रहे हैं कि पैसा नहीं आया है। बारिश के कारण सड़कों की हालत खस्ता है। जिनके घरों में पानी भर गया है, उन्हें तत्काल भोजन आदि कि सहायता दी जानी चाहिए। लोगों को राहत तभी मिलेगी जब राज्य सरकार के माध्यम से जिलाधिकारियों को इस तरह के आदेश दिए जाएंगे।
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प्रदेश में बेरोजगारी और महंगाई बढ़ने का आरोप
अजीत पवार ने कहा कि राज्य सरकार ने 100 रुपये में लोगों को दिवाली गिफ्ट देने की घोषणा की है। उसके लिए एक कंपनी को कुछ करोड़ का ठेका दिया गया है, लेकिन राशन अभी तक लोगों तक नहीं पहुंचा है। चर्चा है कि इसमें कुछ अनियमितताएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी और महंगाई बढ़ी है। सरकार ऐलान कर रही है कि भर्तियां होने जा रही हैं। इस पर युवाओं की नजर है। अजीत पवार ने यह भी मांग कि सरकारी स्कूलों को बंद करने के मामले में सरकार अपनी भूमिका स्पष्ट करे।