सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में फैले ड्रग्स माफिया के जाल के मामले पर सुनवाई पांच हफ्ते के लिए टाल दी है। चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार से तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
18 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी शोएब आलम ने बताया कि पिछले 13 महीने में 31 हजार करोड़ रुपये का नारकोटिक्स जब्त हुआ है। इनकी मौजूदगी बहुत व्यापक है। केंद्र सरकार ने कहा कि हम एनआईए और दूसरी एजेंसियों से जानकारी जुटा रहे हैं।
26 सितंबर को कोर्ट ने कहा था कि स्थिति काफी गंभीर है खासकर ड्रग्स माफिया नौजवानों को अपनी गिरफ्त में ले रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को नोटिस जारी कर सहायता करने के लिए कहा था। कोर्ट ने वकील शोएब आलम को इस मामले में कोर्ट की मदद करने के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि वो एएसजी ऐश्वर्या भाटी को केस के सभी रिकॉर्ड सौंप दे ताकि वो सरकार की ओर से पक्ष रख सकें।
ड्रग्स के मामले में कई हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। 2020 में मद्रास हाई कोर्ट ने कहा था कि गंभीर अपराधों के पीछे एक बड़ी वजह ड्रग्स होती है। ड्रग्स माफिया की पकड़ स्कूल, कॉलेज और दूसरे सार्वजनिक स्थल तक होते हैं। केरल हाई कोर्ट ने भी राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वो शैक्षणिक संस्थाओं में कैंपस पुलिस इकाई की स्थापना करे।
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