102 वर्ष पहले फ्रांस के मार्सेलिस के अथाह सागर में क्रांति शिखर वीर सावरकर ने छलांग लगाई थी। यह एक ऐतिहासिक घटना थी, जिसे वीर सावरकर के पहले न किसी ने किया था और उनके पश्चात न कोई इतना धैर्य जुटा पाया। भारत के स्वतंत्रता इतिहास में इस अविस्मरणीय छलांग का अभिन्न महत्व है, जिसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक, मुंबई लंबे काल से प्रयत्नशील है। इसे तीव्र गति दी महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने। उनकी इस योजना में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूरा सहयोग दिया और गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से विस्तृत चर्चा हुई।
8 जुलाई, 2022 को मार्सेलिस सागर में वीर सावरकर की छलांग को 112 वर्ष पूरे हुए। इस अवसर पर एक कार्यक्रम स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में हुआ, जिसमें वीर सावरकर के भव्य तैलचित्र का अनावरण महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के करकमलों से संपन्न हुआ। इस अवसर पर स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर ने एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसमें फ्रांस के मार्सेलिस में स्वातंत्र्यवीर सावरकर की ऐतिहासिक छलांग को उनकी मूर्ति स्थापित करके नई पीढ़ी के सामने आदर्श प्रस्तुत करने का विचार था। इसे विधान सभा अध्यक्ष ने तत्काल स्वीकार किया।
फडणवीस और नार्वेकर की वचन पूर्ति
विधान सभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष के प्रस्ताव को सहर्ष तत्काल स्वीकार किया। उन्होंने वचन दिया कि, इस कार्य में वे स्वयं लक्ष्य देंगे और उन्होंने इसे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के समक्ष रखा। इसमें दोनों शीर्ष नेताओं ने निजी रूप से लक्ष्य केंद्रित करके केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया, पत्राचार किया। गुरुवार 20 अक्टूबर का दिन इन दोनों नेताओं के यत्नों और वचन को बड़ी सफलता मिली, जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से इस प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा हुई। इसके लिए विधान सभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर स्वयं दिल्ली गए थे।
The Hon. Speaker of Maharashtra Legislative Assembly, Shri @rahulnarwekar Ji met the Hon. Union Home Minister, Shri. @AmitShah Ji in New Delhi. They had a fruitful interaction on various issues including the construction of a memorial for
Conti_1/2 pic.twitter.com/gpIDZToaDk— Speaker of Maharashtra Legislative Assembly (@RahulN_Office) October 20, 2022
महापुरुषों के प्रति प्रतिबद्धता और सम्मान
भारतीय जनता पार्टी की सत्ता राष्ट्र पुरुषों, राष्ट्र प्रतीकों के प्रति प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। इसके तात्कालिक रूप से तीन महत्वपूर्ण उदाहरण सामने हैं।
- अंग्रेजी प्रतीक के स्थान पर छत्रपति शिवाजी का चिन्ह – भारतीय नौसेना के ध्वज में अंग्रेजों के काल के सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया गया। इसके स्थान पर छत्रपति शिवाजी महाराज की शाही मुहर का प्रतिनिधित्व करने वाले अष्टकोण में संलग्न एक गहरे नीले रंग की पृष्ठभूमि को स्थान दिया गया। इसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों से संपन्न हुआ।
- मास्को में अण्णा भाऊ साठे – रूस की राजधानी मास्को में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करकमलों से अण्णाभाऊ साठे की मूर्ति का अनावरण हुआ। यह पूरे भारत के लिए गर्व और महाराष्ट्र की पीढ़ियों को लिए प्रेरणा है। मास्को के अपने पहले भाषण में अण्णाभाऊ साठे ने कहा कहा कि, आपके सामने मराठी में भाषण सुनने का पहला होगा, महाराष्ट्र भारत का एक राज्य है, जहां की मराठी साढ़े तीन करोड़ लोग बोलते हैं, वे भी आपके जैसे जुझारू हैं। महाराष्ट्र के ऐसे सपूत की मूर्ति की मास्को में स्थापना होना भाजपा और देवेंद्र फडणवीस के लिए बड़ी उपलब्धि है।