केंद्र में भी ‘नारायण’ भारी!

जल्द ही मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। उसमें राणे को मंत्री बनाए जाने की जोरदार चर्चा है।

189

महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे का कद और बढ़नेवाला है। उन्हें जल्द ही केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। शिवसेना से कांग्रेस में होते हुए 2019 में भाजपा में आए राणे की काबिलियत को भुनाने के लिए बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा यह निर्णय लेने की बात कही जा रही है।

राजनैतिक हलकों में चल रही चर्चा के अनुसार जल्द ही मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। उसमें राणे को मंत्री बनाए जाने की जोरदार चर्चा है। अगर ऐसा होता है तो अब तक महाराष्ट्र में अपने विरोधियों को अपनी दबंगई और हाजिरजवाबी से बोलती बंद करनेवाले राणे जल्द ही केंद्र की राजनीति में पूरी तरह सक्रिय हो जाएंगे।

ये खबर मराठी भी पढ़ेंः राणे ‘अवजड’ होणार?

दी जा सकती है यह जिम्मेदारी
2019 में शिवसेना में महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री कुर्सी को लेकर मचे घमासान में भाजपा तथा शिवसेना की युति टूट गई और नया समीकरण बना। शिवसेना के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तथा कांग्रेस के समर्थन से प्रदेश में महाविकास आघाड़ी की सरकार बनी और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने। महाराष्ट्र में दोस्ती टूटी तो केंद्र में भी दोनों पार्टियां अलग-अलग हो गईं। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने पार्टी कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे के आदेश पर केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बताया जा रहा है कि इस मंत्रालय की जिम्मेदारी नारायण राणे को दी जा सकती है।

ये भी पढ़ेंः ट्रैक्टर रैली पर सर्वोच्च फैसला!

लोहा लोहे को काटता है
बता दें कि नारायण राणे को शिवसेना का कट्टर दुश्मन माना जाता है। राणे शिवसेना के दांव-पेच से वाकिफ हैं। लोहे-लोहे को काटता है, की तर्ज पर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व ने शिवसेना को मात देने के लिए राणे को मंत्री पद का वरदान देने की रणनीति बनाई है।

केंद्र के गुड बुक में राणे
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रदेश की ठाकरे सरकार ने राणे की सुरक्षा में कमी कर दी थी। लेकिन केंद्र ने उनकी सुरक्षा बढ़ाकर शिवसेना को कड़ा संदेश दिया। उन्हें वाय दर्जे की सुरक्षा दी गई है। राणे की सुरक्षा में दो अधिकारियों के साथ11 सुरक्षा रक्षकों को तैनात किया गया है। उसके बाद से राणे के कद बढ़ने की चर्चा जोरों पर है।

ये भी पढ़ेंः किसानों पर क्यों भड़का सर्वोच्च न्यायालय?

राणे का राजनैतिक सफर
शिवसेना शाखा प्रमुख बनने के बाद नारायण राणे नगरसेवक बने। उसके बाद मुंबई महानगरपालिका की बेस्ट समिति के अध्यक्ष बनने के बाद उनका कद बढ़ गया। 1991 में छगन भुजबल के शिवसेना छोड़ने के बाद पार्टी मे ऐतिहासिक बदलाव आया। उसके बाद राणे को छगन भुजबल की जगह पार्टी ने विधानसभा का विरोधी पक्ष नेता बनाया। जब शिवसेना और भाजपा की राज्य में सरकार बनी तो राणे को दूग्ध मंत्री बनाया गया। उसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री और शिवसेना के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी पर जमीन को लेकर आरोप लगाए गए। इससे नाराज शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने उनसे इस्तीफा ले लिया और नारायण राणे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुए। लेकिन 2005 मे वे कई शिवसेना विधायकों के साथ पार्टी छोोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस में वे राजस्व मंत्री बनाए गए। उसके बाद 2019 में फिर से कांग्रेस के सत्ता में आने पर उन्हें उद्योग मंत्री बनाया गया। 2019 में विधानसभा चुनाव के पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने फिलहाल उन्हें राज्य सभा का सदस्य बनाया है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.