भाई-बहन के प्रेम का पर्व भाई दूज इस वर्ष 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक कर उनकी रक्षा, लंबी उम्र और उन्नति की कामना करती हैं।
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस साल भाई दूज 27 अक्टूबर को है। भाई दूज 5 दिन दीपोत्सव पर्व का आखिरी दिन होता है। हालांकि द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर से आरम्भ हो जाएगी।
भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक कर उनकी रक्षा, लंबी उम्र और उन्नति की कामना करती हैं। भाई उन्हें उपहार देते हैं।
इस साल भाई दूज का पर्व बेहद शुभ संयोग में मनाया जाएगा। भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के बीच अटूट प्रेम और पवित्र रिश्ते को दर्शाता है।
भाई दूज का मुहूर्त
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि का प्रारम्भ 26 अक्टूबर दोपहर 02 बजकर 42 से कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि समाप्त 27 अक्टूबर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। इससे पूर्व प्रतिपदा तिथि रहेगी, जिसमें गोवर्धन पूजा की जाएगी।
भाई दूज पर बन रहे तीन शुभ योग
-इस साल भाई दूज पर सर्वार्थ सिद्धि योग बना हुआ है, जो 27 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से 28 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 30 मिनट तक है। इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं।
-वहीं, भाई दूज के प्रातःकाल से लेकर सुबह 07 बजकर 27 मिनट तक आयुष्मान योग बना है। उसके बाद से सौभाग्य योग का प्रारंभ हो जाएगा। सौभाग्य योग अगले दिन प्रातः 04 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। ये तीनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए शुभ फलदायी होते हैं।
-मान्यता है कि भाई दूज के दिन यमुना नदी में स्नान का खास महत्व है। यमुना और यम भगवान सूर्य की पुत्री व पुत्र हैं। जिस कारण से यमुना में स्नान का महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन यमुना नदी में स्नान करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।
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