केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गांधीनगर में “मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा” पर एक उच्च स्तरीय क्षेत्रीय बैठक की अध्यक्षता की।
इस विशेष अभियान मे नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) दिल्ली, एनसीबी अह्मदाबाद और गुजरात पुलिस द्वारा लगभग 1,864 करोड़ रूपए के ड्रग्स का विनष्टिकरण किया जा रहा है, इसके साथ ही अब तक लगभग 1 लाख 65 हजार किलोग्राम जब्त मादक पदार्थों का विनष्टिकरण किया जा चुका है। देश के पश्चिमी तट से हेरोइन की तस्करी पर नकेल कसना बहुत जरूरी है और इस दिशा में गुजरात ने बहुत अच्छा काम किया है, इसके लिए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी और गुजरात पुलिस को बधाई देता हूँ।
नारकोटिक्स दीमक की तरह हमारी युवा पीढ़ी को खत्म कर रहा है और इसके व्यापार से आने वाला अवैध धन आतंकवाद को भी पोषित करता है, इन दोनों मोर्चों पर करारा प्रहार करने के लिए भारत सरकार, राज्य सरकारों की सभी ऐजेंसियां और पुलिस को एक स्पिरिट के साथ लड़ना और जीतना होगा।
अमित शाह- केंद्रीय गृहमंत्री
टॉप टू बॉटम और बॉटम टू टॉप अप्रोच
ड्रग्स के सोर्स और डेस्टिनेशन, दोनों पर प्रहार कर इसके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की आवश्यकता है। 2006 से 2013 तक कुल 1257 मामले दर्ज हुए जबकि 2014 से 2022 तक 3172 मामले दर्ज, कुल 152 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2006 से 2013 तक कुल 1.52 लाख किलोग्राम ड्रग्स ज़ब्त हुई, जो 2014 से 2022 तक 3.33 लाख किलोग्राम हो गई, जिसका मूल्य 768 करोड़ था जो अब 20 हज़ार करोड़ रूपए हो गया है। इस प्रकार के क्षेत्रीय सम्मेलनों के बाद ज़िलास्तरीय एन्कॉर्ड की रचना हुई है, एफएसएल का उपयोग बढ़ा है और राज्यों के हाई कोर्ट में राज्य प्रशासन द्वारा स्पेशल कोर्ट की अनुमति मांगने की संख्या भी बढ़ी है। मादक पदार्थों का प्रसार केंद्र या राज्य का मुद्दा नहीं है बल्कि ये एक राष्ट्रीय मुद्दा है और इसके अंतर्गत प्रयास भी राष्ट्रीय होने चाहिएं। सभी स्तरों पर एनसीओआरडी की मीटिंग नियमित रूप से हो जिससे केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच प्रभावी समन्वय बन सके और प्रभावी नीतियों के साथ-साथ कार्य योजना तैयार की जा सके। पश्चिमी क्षेत्रों में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का उन्नयन करके इसमें पुलिस आधुनिकीकरण योजना और फोरेंसिक निदेशालय से सहायता लेने को शामिल किया गया है।