रक्षा मंत्रालय के मुख्य सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेन्ट जनरल (सेवानिवृत्त) विनोद जी. खंदारे ने राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (नेशनल फॉरेन्सिक साइन्सेज यूनिवर्सिटी)का दौरा किया। अपने इस दौरे में उन्होंने उपकुलपति डॉ.जे.एम व्यास से भेंट की। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहन चर्चा हुई। एनएफएसयू विश्व का एकमात्र फॉरेन्सिक साइन्स विश्वविद्यालय है जो न्यायालयीन विज्ञान के विशेषज्ञ उपलब्ध कराता है।
ज्ञात हो कि, विश्व के विस्तार में ऐसी घटनाएं भी बढ़ीं जिनके लिए फॉरेन्सिक साइंस (न्यायालयिक विज्ञान या एनएफएसयू) विशेषज्ञों की आवश्यकता बढ़ने लगी। यह अपराध तक ही नहीं, रक्षा क्षेत्र और सामान्य जीवन के लिए भी उपयोगी है। ऐसी परिस्थिति में इस क्षेत्र के लिए विशेषज्ञों की मांग बढ़ी। जिसे पूरा करने के लिए राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) की स्थापना हुई।
रक्षा क्षेत्र में एनएफएसयू
रक्षा क्षेत्र के लिए एनएफएसयू पाठ्यक्रम संचालित करता है। जिसका शीर्षक है ‘सेंटर फॉर फ्यूचरिस्टिक डिफेन्स स्टडीज'(सीएफडीएस)। इसका उद्देश्य है शोध के लिए प्रशिक्षण और विकास के लिए शोध। इसके अंतर्गत रक्षा क्षेत्र और अर्ध सैनिक बलों के लिए लक्ष्यित शोधकार्य किया जाता है। यह केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत का एक हिस्सा है।
इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत रक्षा क्षेत्र के लिए शोध और विकास कार्यों को लक्ष्यित करके प्रशिक्षण दिया जाता है। जिससे छात्र अपनी क्षमताओं को पहचानें और कार्य करें। एनएफएसयू के सीएफडीएस पाठ्यक्रम में साइबर इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्लू), एन्फोर्मेशन वॉरफेयर (आईडब्लू), नेटवर्क सिक्योरिटी, साइबर सिक्योरिटी ऑफ एम्बेडेड सिस्टम सॉफ्टवेयर इन वेपन एण्ड वेपन प्लेटफार्म्स, साइबर डिफेन्स सेंटर आदि के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। जिससे रक्षा क्षेत्र को उच्च तंत्रज्ञान से सज्ज मानव बल उपलब्ध हो पाए।
Lt. Gen. Vinod G. Khandare (Retd.), Principal Advisor in the Ministry of Defence also visited NFSU and met Dr. J.M. Vyas, Vice-Chancellor of NFSU on 21st October, 2022. Lt. Gen. Khandare had an extensive discussion with Dr. Vyas on various topics related to National Security. pic.twitter.com/ssPZRXzKn4
— NFSU (@NFSU_Official) October 21, 2022
सामरिक और रणनीतिक क्षेत्र में विकास
लेप्टिनेन्ट जनरल (सेवानिवृत्त) विनोद.जी. खंदारे रक्षा क्षेत्र में रणनीतिक और सामरिक फ्रन्ट पर अनुभवी नाम है। जिनकी सेवा सितंबर 1979 से प्रारंभ हुई और आगे चार दशक तक चलती रही। इसके बाद भी उन्होंने डायरेक्टर जनरल के पद पर रहकर डिफेंस इंटेलिजेन्स एजेंसी और डेप्युटी चीफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ फॉर इंटेलीजेंस की दोहरी जिम्मेदारी संभाली थी। जनवरी 2018 से अक्टूबर 2021 – प्रधानमंत्री कार्यालय के अंतर्गत नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटरियेट में मिलिट्री एडवाइजर रहे। वर्तमान में रक्षा मंत्रालय में मुख्य सुरक्षा सलाहकार हैं।
ऐसे पद पर रहते हुए उनका एनएफएसयू का दौरा करना रक्षा क्षेत्र के लिए किसी बड़ी परियोजना पर कार्यारंभ भी हो सकता है। उनके अनुभवों का एनएफएसयू का बड़ा लाभ भी होगा।
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