मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपित एवं दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में दलीलें रखते हुए जैन की ओर से वकील एन हरिहरन ने कहा कि ईडी ने उन्हें केवल इसलिए गिरफ्तार किया है कि वे मंत्री बने हैं और उन्होंने सार्वजनिक जीवन शुरू किया है। जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान हरिहरन ने कहा कि जैन के खिलाफ कोई आरोप नहीं है। उनकी केवल एक गलती है कि वे एक मंत्री बने और सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि सत्येंद्र जैन को हिरासत में रखना पूरे तरीके से न्याय के खिलाफ होगा। क्या अल्प शेयरधारक किसी कंपनी को नियंत्रित कर सकता है। एक डायरेक्टर किसी कंपनी का केवल एक प्रतिनिधि होता है। जिस समय का मामला है उस समय सत्येंद्र जैन कंपनी में थे भी नहीं। अगर जैन राजनीति में नहीं आए होते तो ये केस दर्ज नहीं हुआ होता।
इस तरह चली सुनवाई
-एक अक्टूबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी। 24 सितंबर को प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज विनय कुमार ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। राऊज एवेन्यू कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर विकास धूल की कोर्ट में सुनवाई के लिए भेज दिया था।
-ईडी ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई स्पेशल जज गीताजंलि गोयल की कोर्ट से दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी। ईडी ने कहा था कि सत्येंद्र जैन अपनी बीमारी का झूठा बहाना बनाकर अस्पताल में भर्ती हो गए। ईडी ने कहा था कि उसने स्पेशल जज गीतांजलि गोयल की कोर्ट से कहा कि सत्येंद्र जैन प्रभावशाली व्यक्ति हैं और वो दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री हैं। इस बात की पूरी आशंका है कि वो अपनी बीमारी का फर्जी दस्तावेज हासिल कर लें। लेकिन गीतांजलि गोयल की कोर्ट ने इस आशंका को नजरंदाज कर दिया।
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