मथुरा में छठ पर्व बड़ी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाए जा रहे चार दिवसीय छठ पूजा पर्व के तीसरे दिन 30 अक्टूबर शाम अस्तांचलगामी सूर्य को मथुरा के यमुना घाट एवं वृंदावन सहित देहातों में अर्घ्य दिया गया। इस दौरान रिफाइनरी नगर में भी महिलाओं ने अस्त सूर्य को अर्घ्य दिया। 31 अक्टूबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ चार दिनी सूर्याेपासना का पर्व छठ संपन्न होगा।
मथुरा के टाउन शिप क्षेत्र स्थित कोयला घाट पर भारतीय सांस्कृतिक समाज के द्वारा छठ पूजा का आयोजन बड़े धूमधाम से मनाया गया। यहां बड़ी संख्या में व्रती महिलाएं शाम होते ही अपने परिवार के साथ पहुंच गईं। यमुना में खड़े हो कर भगवान भास्कर की आराधना की और फिर उनको अर्घ्य दिया गया। इससे पहले घाट पर विधि विधान से पूजन अर्चन किया। वहीं रिफायनरी नगर में भी छठ पूजा पर्व का आयोजन किया गया है। यहां के नगर चौपाल में करीब 50 से अधिक परिवार के लोग एकत्रित हुए और उन्होंने तालाब में खड़े हो कर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। व्रत के दौरान महिलाओं में उत्साह देखने लायक था।
व्रती सुप्रिया सिन्हा ने बताया कि यह सबसे बड़ा पर्व है बिहार और पूर्वांचल का। इस पर्व पर व्रत रखने की शक्ति छठी मैया देती हैं कब व्रत पूरा हो जाता है पता ही नहीं चलता। छठ पूजा पर्व को लेकर रिफाइनरी नगर में खास इंतजाम किए गए। यहां के नगर चौपाल में एक तालाब बनाया गया, जिसमें टेंट लगाकर व्रतियों के द्वारा जल में खड़े हो कर अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया गया।
इस कार्यक्रम में अधिकांश रिफाइनरी के अधिकारी और उनके परिवार के लोग थे। वहीं छठ पूजा पर्व के अवसर पर वृंदावन के घाटों पर भी डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। यहां भी लोक आस्था के इस पर्व पर व्रत रह रहीं महिलाएं अस्तांचल सूर्य को अर्घ्य देती नजर आईं। यमुना घाटों पर नगर निगम द्वारा बैरिकेडिंग की गई।
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