देश में सड़क हादसा एक बड़ी समस्या है और हर घंटे करीब 53 लोगों की मौत होती है। अगर साल का आंकड़ा देखें तो यह करीब डेढ़ लाख है।अब केंद्र सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वर्ष 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को घटाकर आधे पर लाने का आह्वान किया।
गडकरी के सुझाव
गडकरी ने कहा कि मंत्रालय, राष्ट्रीय राजमार्ग परिवहन प्राधिकरण (एनएचएआई), पीडब्ल्यूडी और सड़क निर्माण के काम में लगी विभिन्न एजेंसियों के इंजीनियरों की सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए तीन दिन का एक अनिवार्य प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद (एनआरएससी) की 19वीं बैठक को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि दुर्घटनाओं को कम करना क्रमिक प्रक्रिया नहीं है, हर किसी को इसे तत्काल प्रभाव से प्राथमिकता देनी चाहिए।
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स्वीडन है रोल मॉडल
गडकरी ने स्वीडन का उदाहरण दिया, जहां सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई। इस कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश और बिहार के परिवहन मंत्री, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि और एनआरएससी के विभिन्न अधिकारी और अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।
सोशल मीडिया की मदद लेने का सुझाव
गडकरी ने बताया कि भारत प्रतिदिन 30 किलोमीटर सड़क का निर्माण कर रहा है। यह कोरोना महामारी के समय में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने राज्य सरकारों से कहा कि वे लोगों को सड़क पर सुरक्षित तौर पर चलने के लिए प्रोत्साहित करें और इस काम में स्वयंसेवी संगठनों को शामिल करे। उन्होंने सुझाव दिया कि सड़क सुरक्षा उपायों के संबंध में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा के संबंध में सांसदों की एक समिति गठित की गई है और उन्होंने सभी विधायकों से आग्रह किया कि वे अपने चुनाव क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उपायो पर ध्यान दें।
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राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद का गठन
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद का गठन किया है जिसका काम सड़क परिवहन क्षेत्र में सुरक्षा के मानकों, नीतियों के संबंध में योजना बनाना और समन्वय करना, राज्य सड़क सुरक्षा संगठनों द्वारा लागू किए जाने वाले सड़क सुरक्षा कार्यक्रमों को तैयार करना और उनकी सिफारिश करना, सड़क परिवहन क्षेत्र में सुरक्षा के पहलू में सुधार के लिए अनुसंधान और विकास के बारे में सुझाव देना, सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों की हिफाजत और उनका विश्लेषण करना और राज्यों तथा केन्द्र शासित एजेंसियों द्वारा अपनाए जाने वाले सड़क सुरक्षा उपायों पर नजर रखना और उनकी निगरानी करना है।