एसडीपीआई ने अपनाया पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया का एजेंडा, केरल स्थापना दिवस पर आई वो धमकी

एसडीपीआई के जाल में दक्षिण के राज्य में है। पीएफआई पर प्रतिबंध लगने के बाद भी उसका राजनीतिक संगठन एसडीपीआई खुलेआम काम कर रहा है।

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सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के बड़े षड्यंत्र का खुलासा हुआ है। जिसमें उसका पदाधिकारी राज्य में युद्ध की धमकी दे रहा है। इसे देखते हुए यह कहा जा रहा है कि, पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध के बाद एसडीपीआई उसका एजेंडा पूरा कर रहा है।

पीएफआई की विध्वंसक गतिविधियों के संचालन का काम उसके राजनीतिक फ्रंट एसडीपीआई ने संभाल लिया है। इसके लिए किये जा रहे षड्यंत्र का खुलासा हुआ एसडीपीआई के फेसबुक पोस्ट से। मीडिया हाउस ऑर्गनाइजर के अनुसार यह पोस्ट केरल राज्य स्थापना दिवस पर पोस्ट किया गया था। इसमें एसडीपीआई के राज्य उपाध्यक्ष पी.अब्दुल हमीद की धमकी है, जिसमें वह राज्य में आंतरिक युद्ध की धमकी दे रहा है।

पीएफआई का काम संभाला
देश में विभिन्न आतंकी गतिविधियों, हिंसक आंदोलन और वर्ष 2047 तक भारत को इस्लामी देश बनाने की योजना पर कार्य कर रहा था पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया। इन गतिविधियों पर सुरक्षा एजेंसियों की लंबे काल से नजर लगी थी। जिस पर कार्रवाई हुई और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया। सूत्रों के अनुसार अब एसडीपीआई ने प्रदर्शन और हिंसा की योजना बनाई है। इसकी शुरुआत ऑफिशियल लैंग्वेज के लिए बनी पार्लियामेंट कमेटी के सुझावों का विरोध करके होगी।

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मीडिया के मंच पर आतंकी मंसूबे
1 नवंबर को कोट्टयम प्रेस क्लब में एसडीपीआई ने केरल स्थापना दिवस पर एक सेमिनार आयोजित किया था। सूत्रों के अनुसार भाषा के नाम पर एसडीपीआई ने अपने छुपे एजेंडे को शुरू कर दिया है। जिसमें युद्ध की धमकी दी गई है। इस कार्यक्रम के आयोजन से सिद्दिक कप्पन की एसडीपीआई से भूमिका स्पष्ट हुई है। इन कार्यकलापों के माध्यम से एसडीपीआई अलग मलाबार राज्य, कॉन्फेडरेशन ऑफ साउथ इंडियन स्टेट के गठन के चक्कर में है।

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