राजस्थान के बांसवाड़ा स्थित मानगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक मंच पर थे। वहां अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री की ऐसी वाहवाही कर दी कि, कांग्रेस में लोग सकते में हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सचिन पायलट ने शंका उत्पन्न की है, उन्होंने राज्यसभा में प्रधानमंत्री द्वारा गुलाम नबी आजाद की प्रशंसा का उदाहरण तक दिया है।
राज्य कांग्रेस में खींचतान अभी थमा नहीं है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रतिद्वंदियों को गोता लगवाने की स्थिति में हैं तो दूसरी ओर सचिन पायलट अवसर की ताक में हैं। दोनों नेताओं की इस खींचतान के बीच मानगढ़ में एक विशेष राजनीतिक मंच सजा। जिसने कांग्रेस की राजनीति में नया पेंच उत्पन्न कर दिया। यह पेंच है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मैत्री का। प्रधानमंत्री ने संबोधन में अशोक गहलोत की बहुत प्रशंसा की जिससे कांग्रेस नेता भी आश्चर्य चकित हैं, जबकि सचिन पायलट चुटकी लेने से नहीं चूके।
आजाद की भी कर चुके हैं प्रशंसा
प्रधानमंत्री द्वारा मंच पर की गई प्रशंसा पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत के राजनीतिक भविष्य को लेकर ही शंका उत्पन्न कर दी है। सचिन पायलट ने कहा कि, प्रधानमंत्री ने गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा में प्रशंसा की थी। इसका परिणाम सभी के सामने है। गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा से दोबारा उम्मीदवारी ही नहीं मिली और कुछ काल बाद आजाद ने कांग्रेस ही छोड़ दिया।
प्रधानमंत्री की प्रशंसा मल्लिकार्जुन पर निशाना तो नहीं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में कहा कि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सबसे वरिष्ठ मुख्यमंत्री हैं। वे मेरे मुख्यमंत्रित्व काल के साथी हैं। उस काल में भी वे हम सभी से वरिष्ठ थे और वर्तमान में भी सभी मुख्यमंत्रियों से वरिष्ठ हैं। इसका एक अर्थ यह भी है कि, वरिष्ठता में अशोक गहलोत के सामने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी छोटे हैं। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री की इस प्रशंसा से कांग्रेसियों को डर लग रहा है, जबकि भारतीय जनता पार्टी के एक धड़े में बेचैनी है।