पुलिस की नाक के नीचे ड्रग्स की फैक्ट्री.. ऐसे हुआ बेनकाब!

दक्षिण मुंबई के डोंगरी, नवी मुंबई के घणसोली और भिवंडी के ठिकानों पर एनसीबी ने छापेमारी की है। इस छापेमारी में करोड़ों के नशीले पदार्थ, महंगी गाड़ी, खतरनाक इंपोर्टेड हथियार और करोड़ों रुपए कैश बरामद किए गए हैं।

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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने मुंबई में अब तक के सबसे बड़े ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस रैकेट के तार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जुड़े होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। दक्षिण मुंबई के डोंगरी, नवी मुंबई के घणसोली और भिवंडी के ठिकानों पर एनसीबी ने छापेमारी की है। इस छापेमारी में करोड़ों के नशीले पदार्थ, महंगी गाड़ी, खतरनाक इंपोर्टेड हथियार और करोड़ों रुपए कैश बरामद किए गए हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि डोंगरी में ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है।

दो गिरफ्तार, एक फरार
इस मामले में एनसीबी ने अपराध की दुनिया में कुख्यात गैंगस्टर करीम लाला के पोता परवेज खान उर्फ चिंकू पठान को घणसोली से और राजकुमार वर्मा नामक एक शख्स को भिवंडी से गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य ड्रग तस्कर आरिफ भुजवाला फरार बताया जा रहा है। उसकी तलाश में एनसीबी ने देश के सभी एयर पोर्ट पर लुक आउट नोटिस जारी किया है। एनसीबी से मिली जानकारी के अनुसार ये ड्रग तस्करी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर की जा रही थी। अंडरवर्ल्ड डॉन और अंतर्राष्ट्रीय अपराधी दाऊद इब्राहिम के भाई अनिस इब्राहिम तथा ड्रग्स डीलर कैलाश राजपूत के मार्गदर्शन में ये रैकेट चलाए जाने की जानकारी मिली है।

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सुशांत सिंह राजपुूत मामले के बाद हुआ खुलासा
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की विवादास्पद मौत के बाद की जा रही जांच में मुंबई के ड्रग्स कनेक्शन के अहम खुलासे हुए हैं। उसके बाद एनसीबी तेजी से सक्रिय हो गई है। इस मामले में बॉलीवुड की कई हस्तियों को गिरफ्तार भी किया गया था। इसी दौरान एनसीबी अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए मुंबई के बड़े और कुख्यात ड्रग्स माफिया की धर-पकड़ भी शुरू कर दी है। एनसीबी ने इसी कड़ी में हाल ही में बांद्रा से ब्रिटिश नागरिक करण सजनानी को गिरफ्तार किया है। उसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक के दामाद समीर खान को भी गिरफ्तार किया। इसके बाद एनसीबी ने कई नाइजीरियन नागरिकों को भी गिरफ्तार किया है।

करोड़ों के कैश के साथ बड़ी मात्रा में ड्रग्स बरामद
मुंबई विभाग के एनसीबी निदेशक समीर वानखेड़े ने कई टीम बनाकर 20 जनवरी को अन्य स्थानों के साथ ही दक्षिण मुंबई के डोंगरी स्थित आरिफ भुजवाला के ठिकाने पर छापेमारी की। हालांकि आरिफ फरार होने में सफल हो गया, लेकिन उसके ठिकाने से एनसीबी ने दो करोड़ 80 लाख रुपए कैश, साढ़े पांच किलो एमडी( मेफेड्रोन),एक किलो मेथाफेटामिन, 6 किलो 126 ग्राम एफेड्रीन के साथ कुल मिलाकर कुल 12 किलो नशीले पदार्थ बरामद किए। इस दौरान एक ऑटोमैटिक रिवॉल्वर बी बरामद किया गया है। इसके साथ ही आरिफ भुजवाला के घर में नशीले पदार्थ को बनानेवाली एक फैक्ट्री का भी पर्दाफाश हुआ है।

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चिंकू पठान लोकल तस्कर
चिंकू पठान लोकल ड्रग्स माफिया था और वह आरिफ से नशीले पदार्थ लेकर मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे आदि इलाकों में छोटे-बड़े ड्रग्स तस्करों को बेचता था। चिंकू का सबसे ज्यादा ग्राहक नाइजरियन थे। आरिफ का संबंध अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर था। कैलाश राजपूत विदेश में बैठा बड़ा ड्रग्स माफिया है। आरिफ उसके माध्यम से अपने नशीले पदार्थों को विदेशों में सप्लाई करता था। फिलहाल एनसीबी आरिफ की तलाश युद्ध स्तर पर कर रही है। उसे शक है कि मौका मिलते ही वह विदेश भाग सकता है। हालांकि उसे रोकने के लिए एनसीबी ने देश के सभी एयरपोर्ट पर लुक आउट नोटिस जारी किया है।

पुलिस की नाक के नीचे ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री
सवाल यह है कि आरिफ भुजवाला मुंबई के डोंगरी से अपना ड्रग्स रैकेट चलाता था। यही नहीं, वहां उसने ड्रग्स बनाने के लिए फैक्ट्री  भी बना रखी थी। लेकिन मुंबई पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। जबकि जिस स्थान पर छापेमारी की गई, वह मुंबई पुलिस मुख्यालय से मात्र चंद किलोमीटर ही दूर है। कभी अपराधियों में मुंबईु पुलिस की दहशत हुआ करती थी, लेकिन अब अपराधी बेखौफ हैं। इसलिए पुलिस की नाक के नीचे इस तरह के धंधे चलाए जा रहे हैं।

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