आर्थिक रूप से पिछड़ों को 10 प्रतिशत आरक्षण जारी रहेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने इस प्रकरण के विरोध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है। इससे अब गरीबों के आरक्षण पर डाला अड़ंगा दूर हो गया है।
आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को दस प्रतिशत आरक्षण देने के निर्णय को चुनौती देनेवाली याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय खंडपीठ ने आदेश दिया है। यह याचिका संविधान में 103वां संशोधन करके दिये गए आरक्षण के विरोध में था। सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़ों को दस प्रतिशत आरक्षण दिया गया था।
सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश यू.यू ललित, न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी, न्यायाधीश एस.रविंद्र भट, न्यायाधीश बेला एम.त्रिवेदी और न्यायाधीश जे.बी पारडीवाला की खंडपीठ ने इसके पहले लगातार सुनवाई करके प्रकरण को आदेश के लिए सुरक्षित रखा था। सर्वोच्च न्यायालय की निर्णय गरीबों की जीत के साथ मोदी सरकार की सबसे बड़ी जीत है। इससे आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण का लाभ मिलेगा। इस आरक्षण में पहले से ही आरक्षण की सुविधा लेनेवालों को लाभ नहीं मिलेगा।
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