राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में 51 नर्सिंग पेशेवरों को वर्ष 2021 के लिए ‘राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार’ प्रदान किए।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि सभी नर्सों (परिचारिकाओं) को उनके अनुकरणीय कार्य और नि:स्वार्थ सेवा के लिए राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार 2021 प्रदान करते हुए प्रसन्नता हो रही है। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सभी स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के नि:स्वार्थ योगदान के साथ-साथ राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम को गति देने में उनकी कड़ी मेहनत का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि महामारी ने दुनिया को हमारी नर्सों की ओवरटाइम काम करने, परिवारों से दूर रहने और अत्यधिक मांग वाली परिस्थितियों में सेवा करने की दुर्जेय भावना दिखाई है।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने में नर्सों का योगदान अनुकरणीय रहा है। ये पुरस्कार विजेता देश में युवा नर्सों और दाइयों को साथी नागरिकों की बेहतरी के लिए प्रतिबद्धता और करुणा के साथ काम करने के लिए प्रेरित करेंगे। पूरी नर्सिंग बिरादरी को मेरी शुभकामनाएं।
महाराष्ट्र से चार नाम
- मनीषा भाऊसो जाधव
- अलका विकास कोरेकर
- अंजलि अनंत पटवर्धन
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The contribution of nurses in strengthening healthcare delivery has been exemplary. These awardees will inspire young nurses and midwives in the country to work with commitment and compassion for the betterment of fellow citizens. My best wishes to the entire nursing fraternity. pic.twitter.com/gier8fOrq4
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 7, 2022
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कारों की स्थापना वर्ष 1973 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समाज में नर्सों और नर्सिंग पेशेवरों द्वारा प्रदान की गई मेधावी सेवाओं के लिए मान्यता के रूप में की गई थी।
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