शिवसेना (उबाठा) के प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा कि उद्योग-धंधों को महाराष्ट्र में ही बनाए रखने के लिए उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सर्वदलीय बैठक बुलाकर विस्तृत चर्चा करनी चाहिए। उद्योग-धंधे राज्य के बाहर क्यों जा रहे हैं, इसका कारण खोजा जाना चाहिए। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
कारण पता लगाना जरुरीः राऊत
संजय राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र औद्योगिक क्षेत्र में अग्रणी राज्य रहा है, लेकिन पिछले तीन महीनों में छह बड़े उद्योग राज्य से बाहर चले गए हैं। इससे महाराष्ट्र का नुकसान हो रहा है। महाराष्ट्र कमजोर हो रहा है। यह उद्योग राज्य के बाहर क्यों जा रहे हैं, इसका कारण ढंढा जाना चाहिए और उस कमी को दूर किया जाना चाहिए। इस मामले में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप से कोई लाभ नहीं होगा। राऊत ने कहा कि राज्य की सत्ता में फडणवीस प्रभावी भूमिका में हैं, इसलिए उन्हें राजनीतिक वक्तव्य देने की बजाय इस पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक आहूत करना चाहिए।
मध्यावधि चुनाव की भविष्याणी
राज्यसभा सदस्य राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव के संकेत मिल रहे हैं। इसी वजह से सभी दल चुनाव की तैयारी में लगे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहेब की शिवसेना पर तंज कसा कि सभी फूटने वाले समूह में एक शिंदे रहता ही है। इसलिए आगे क्या होगा, सब अधर में है, लेकिन बहुत जल्द मध्यावधि चुनाव होंगे, यह अटल है। दरअसल, रविवार को बालासाहेब की शिवसेना में शामिल होने वाले सांसद गजानन कीर्तिकर के बेटे अमोल कीर्तिकर शिवसेना (उबाठा) के प्रवक्ता संजय राऊत से मिले थे। इसके बाद संजय राऊत पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर अमोल कीर्तिकर ने कहा कि उन्होंने अपने पिता को बहुत समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। मैं शिवसेना युवा नेता आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में पहले भी काम करता था, आगे भी करता रहूंगा।