डायबिटीज एक लाईलाज बीमारी है। यह बीमारी जिसको एक बार हो जाती है तो ताउम्र उसका साथ नहीं छोड़ती है। तनाव के कारण युवाओं को भी डायबिटीज की समस्या हो रही है। चिकित्सकों के मुताबिक डायबिटीज के रोगी को आंख, किडनी और हृदय से संबंधी बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है। चिकित्सकों का कहना है कि डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए पौष्टिक आहार के साथ-साथ शारीरिक रूप से सक्रिय रहना बेहद जरूरी होता है।
केजीएमयू की माईक्रोबाइलोजिस्ट डा. शीतल वर्मा के मुताबिक जिनको डायबिटीज की समस्या रहती है उन व्यक्तियों में फंगल इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। इनमें नाक, कान व गला में इंफेक्शन की समस्या अधिक होती है। ऐसे में अगर किसी मरीज को डायबिटीज है और उसके कान में दर्द हो रहा है तो उसे फंगल इंफेक्शन हो सकता है।
कोरोना के बाद बढ़े डायबिटीज रोगी
एसजीपीजीआई के इण्डोक्राईनोलोजी विभाग की विभागाध्यक्ष डा. विजय लक्ष्मी भाटिया ने बताया कि कोरोना के बाद डायबिटीज के रोगी बढ़े हैं। डा. विजय लक्ष्मी का कहना है कि इसका कारण वैसे कोरोना नहीं है। कोरोना के कारण एक तो लोग जांच कराने नहीं आये और दूसरे कोरोना के दौरान अधिकांश लोगों ने घर पर रहकर खूब खाया पिया। इस वजह से भी लोगों को डायबिटीज हुई।
केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के प्रो. डी. हिमांशू का कहना है कि कम वजन व सही डाईट से डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मेडिसिन विभाग और फिजियोलोजी विभाग में हुए शोध में यह तथ्य सामने आया है। डा. हिमांशू ने बताया कि अगर डायबिटीज की समस्या का पता शुरूआती दिनों में पता चल जाय तो इसका निदान संभव है।
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उप मुख्यमंत्री ने डायबिटीज पर की चर्चा
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विश्व डायबिटीज दिवस के अवसर पर गोमती नदी रीवर फ्रन्ट पर आयोजित ‘आइए चलें डायबिटीज पे चर्चा’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उप मुख्यमंत्री ने आसमान में नीला गुब्बारा छोड़कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। ब्रजेश पाठक ने कहा कि मधुमेह से बचने के लिए नियमित दिनचर्या और स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं। समय-समय पर इस बीमारी की जांच करायें। स्वयं सचेत रहें और अन्य लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करें।इस अवसर पर जागरूकता रैली भी निकाली गयी। इस अवसर पर केजीएमयू के प्रो. नरसिंह वर्मा ने भी डायबिटीज के खतरों पर प्रकाश डाला।