तुर्की की राजधानी अंकारा में 14 नवंबर को अमेरिका और रूस के बीच उच्चस्तरीय वार्ता में यूक्रेन में परमाणु हथियार के इस्तेमाल पर कड़ी चेतावनी देते हुए दुष्परिणाम भुगतने की बात कही है। दोनों देशों के बीच यह यूक्रेन युद्ध के बाद पहली वार्ता है।
इस वार्ता में अमेरिका खुफिया संगठन सीआईए के प्रमुख विलियम बर्न्स और रूसी खुफिया संगठन की विदेश शाखा के प्रमुख सर्गेई नरीश्किन के बीच हुई। वार्ता में बर्न्स ने कहा कि यूक्रेन में रूस ने परमाणु हथियार का इस्तेमाल किया तो उसके गंभीर दुष्परिणाम होंगे। वार्ता से पहले ही बर्न्स ने स्पष्ट कर दिया था कि वह यूक्रेन में जारी युद्ध को खत्म कराने के लिए किसी समझौते पर वार्ता नहीं करेंगे।
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व्हाइट हाउस के प्रवक्ता के अनुसार बर्न्स ने यूक्रेन युद्ध के चलते बढ़ रहे तनाव से रणनीतिक अस्थिरता के खतरे के प्रति रूसी समकक्ष को आगाह किया। बर्न्स ने रूस में कैद अमेरिकी नागरिकों के संबंध में भी चर्चा की और उनकी रिहाई के लिए अनुरोध किया। प्रवक्ता ने बताया कि इस वार्ता के विषय में यूक्रेन को जानकारी दे दी गई थी। हम पूर्ववत सैद्धांतिक रूप में यूक्रेन के हितों के साथ हैं।
उल्लेखनीय है कि बर्न्स पूर्व में रूस में अमेरिका के राजदूत रह चुके हैं। यूक्रेन सीमा पर रूसी सेना के जमावड़े बीच राष्ट्रपति जो बाइडन ने 2021 के अंत में उन्हें रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलने के लिए मास्को भी भेजा था। वहां पर उन्होंने युद्ध के खतरों के बारे में बताया था।
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