भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य प्रसाद लाड ने राज्य सरकार के समक्ष बड़ी मांग रखी है। जिसमें उन्होंने शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के स्मारक को राज्य सरकार द्वारा अपने अधिकार में लेने की बात कही है। इस स्मारक की वर्तमान कमेटी का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करे रहे हैं। जिसके बाद अब चर्चा होने लगी है कि, पहले उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली महाविकास आघाड़ी की सत्ता गई थी, अब क्या बालासाहेब ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक की कमान भी हाथ से छिन जाएगी?
बालासाहेब ठाकरे स्मारक का निर्माण छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क के पास स्थित महापौर बंगले के परिसर में हो रहा है। इसका कार्य वर्ष 2023 में पूर्ण होने का अनुमान है। स्मारक के लिए सरकारी भूखंड दिया गया है और निर्माण के लिए धन भी राज्य सरकार उपलब्ध करा रही है। इसे देखते हुए भाजपा विधायक प्रसाद लाड ने मांग की है।
प्रासद लाड ने अपनी मांग में कहा है, ‘शिवसेना प्रमुख बालासाहेब का स्मारक किसी व्यक्ति या परिवार की संपत्ति नहीं है। ठाकरे परिवार का कोई एक सदस्य स्मारक समिति में हो सकता है।’
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शिवसेना और बालासाहेब ठाकरे का होगा इतिहास
बालासाहेब ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक की समिति के अध्यक्ष शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे हैं। उन्होंने, पिछले दिनों अपनी पार्टी की एक बैठक में घोषणा की थी कि, स्मारक अगले वर्ष के अंत तक खुल जाएगा। इसमें बालासाहेब ठाकरे द्वारा बनाए गए कार्टून, उनके जीवन पर आधारित ऑडियो वीजुअल और शिवसेना का इतिहास प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि, स्मारक में शिवसेना के नेताओं और मुख्मंत्रियों को स्थान दिया जाएगा। लेकिन उन्हें स्थान नहीं दिया जाएगा, जिन्होंने शिवसेना छोड़ दी या शिवसेना का नाम लेकर काम कर रहे हैं। इस स्मारक को इस रूप में बनाया जाएगा जिससे लोग प्रेरणा लें।
राज्य सरकार द्वारा पोषित परियोजना
बालासाहेब ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक का वित्त पोषण राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए 400 करोड़ रुपए पहले ही उपलब्ध करा दिया गया है। राज्य सरकार की संसाधन विकास एजेंसी मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) पर परियोजना की जिम्मेदारी है।