किसान ने पीएम मोदी की मां को क्यों लिखा लेटर?

हरप्रीत सिंह ने अपने पत्र में लिखा है, 'मैं आपको इस भरोसे से पत्र लिख रहा हूं कि नरेंद्र मोदी आपके बेटे हैं। वे देश के प्रधानमंत्री हैं। वो आपके कहने पर तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लेंगे।

152

फिरोजपुर के एक किसान हरप्रीस सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी को एक भावुक पत्र लिखा है। ये वही हरप्रीत सिंह हैं, जिन्हें शिमला में किसान प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया गया था, हालांकि उन्हें दूसरे दिन छोड़ दिया गया था।

हरप्रीत सिंह ने पत्र में पीएम मोदी पर कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव बनाने की मांग की है। उन्होंने लिखा है, ‘आप अपने बेटे को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने को कहें। वे आपकी बात नहीं टालेंगे, क्योंकि एक मां ही अपने बेटे का कान पकड़कर ऑर्डर दे सकती है।’

ये भी पढ़ेंः ट्रैक्टर रैली पर आया बड़ा निर्णय…जानें 10 पॉइंट्स में

कोई व्यक्ति अपनी मां की बात नहीं टाल सकता
हरप्रीत सिंह ने अपने पत्र में लिखा है, ‘मैं आपको इस भरोसे से पत्र लिख रहा हूं कि नरेंद्र मोदी आपके बेटे हैं। वे देश के प्रधानमंत्री हैं। वे आपके कहने पर तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लेंगे। क्योंकि कोई भी व्यक्ति अपनी मां की बात को टाल नहीं सकता। भारत के लोग अपनी मां को भगवान का दर्जा देते हैं।’

भावुक तरीके से की पत्र की शुरुआत
हरप्रीत ने पत्र की शुरुआत बहुत ही भावुक तरीके से की है। उन्होंने लिखा है, ‘प्रिय मां, हमारे देश के प्रधानमंत्री आपके बेटे हैं और मुझे लगता है कि वह आपको ना नहीं कह पाएंगे। आप ऐसा कर उन हजारों किसानों के मदद करें, जो तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए दिल्ली में ठंड में आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा है, ‘मैं भरे मन से यह पत्र लिख रहा हूं। जैसा कि आपको पता ही होगा, देश और दुनिया का पेट भरनेवाले अन्नदाता तीन काले कानुनों की वजह से कड़ाके की सर्दी में दिल्ली की सड़कों पर सोने को मजबूर हैं। उनमें 90-95 साल के बुजुर्ग से लेकर बच्चे और महिलाएं तक शामिल हैं। कड़ाके की सर्दी में ये सब बीमार हो रहे हैं और शहीद भी हो रहे हैं। जो कि सभी के लिए चिंता की बात है। मुझे पूरी उम्मीद है कि आप अपने बेटे के कहकर काले कानून को जरुर वापस कराएंगी।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.