अपने प्राणों की आहुति देने वाले, कालापानी की सजा भुगतने वाले, भारत को गुलामी से आजाद कराने के लिए 11 साल तक लगातार जुल्म सहने वाले स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को लेकर राहुल गांधी ने अपमानजनक बयान दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की आलोचना की। सीएम ने कहा कि उसे ‘भारत छोड़ो’ कहा जाना चाहिए, न कि ‘भारत जोड़ो’।
शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के स्मृति दिवस की पूर्व संध्या पर बालासाहेब की शिवसेना की ओर से विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। शिंदे 16 नवंबर को स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सावरकर ने घोर कष्ट सहकर देश के स्वतंत्रता संग्राम को मजबूती प्रदान की। इसलिए ऐसे स्वतंत्रता सेनानी का अपमान करने वालों को जनता सबक सिखाएगी। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि बाला साहेब की शिवसेना ऐसी स्थिति को बर्दाश्त नहीं करेगी। शिंदे ने कहा कि हिंदू धर्म में दोनों में समानता है। उन्होंने यह भी कहा कि बालासाहेब ने स्वतंत्रता सेनानी सावरकर के विचारों को आगे बढ़ाने का काम किया।
जब मणिशंकर अय्यर ने स्वतंत्रता सेनानी सावरकर का अपमान किया तो बालासाहेब ने चप्पल मारो आंदोलन चलाया था। आज फिर से विरोध करने का समय है। क्योंकि ऐसा फिर से हो रहा है। बालासाहेब के परिवार के लोग कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा ले रहे हैं। यह बालासाहेब के विचारों को तोड़कर कांग्रेस में शामिल होने की यात्रा है। शिंदे ने कहा कि उन्हें सोचना चाहिए कि मोदी कहां है और वे कहां हैं।
सावरकर का गौरव प्रस्ताव क्यों ठुकराया गया?
जब महा विकास आघाड़ी सरकार सत्ता में थी, तब स्वतंत्रता नायक सावरकर को महिमामंडित करने का प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन नियमों के अनुरूप नहीं होने के कारण अध्यक्ष ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। उस समय मुख्यमंत्री ने विरोध क्यों नहीं किया? हम तब कैबिनेट में भी थे। लेकिन कोई चारा नहीं था। इसलिए अब विद्रोह करना पड़ा। बालासाहेब के विचार को संरक्षित करने के लिए यह फैसला लिया गया है। अब भाजपा-शिवसेना गठबंधन की असली हिंदुत्व सरकार आई है। इसलिए हम स्वतंत्रता सेनानी सावरकर का अपमान अब और बर्दाश्त नहीं करेंगे।