केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने मुंबई स्थित अपने अधीश बंगले का अवैध निर्माण 17 नवंबर से खुद हटाना शुरू कर दिया है। मुंबई नगर निगम का बुलडोजर पहुंचने से पहले ही नारायण राणे ने यह कार्यवाही शुरू कर दी है। इससे उनके उनके यहां अवैध निर्माण पर मुंबई नगर निगम की कार्रवाई की प्रक्रिया फिलहाल रुक गई है।
जानकारी के अनुसार नारायण राणे ने मुंबई में जुहू इलाके में स्थित अपने अधीश बंगले में कोस्टल रेगुलेशन जोन (सीआरजेड) कानून का उल्लंघन करते हुए अवैध निर्माण किया था। इसकी शिकायत संतोष डांडेकर नामक सामाजिक कार्यकर्ता ने संबंधित विभाग में की थी।
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इस अवैध निर्माण को हटाने के लिए मुंबई नगर निगम ने राणे को नोटिस जारी किया था, जिसे राणे की ओर से उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। लेकिन उच्च न्यायालय ने नोटिस को सही ठहराया और मुंबई नगर निगम को अवैध निर्माण तोड़ने का आदेश जारी कर दिया था। इसके बाद नारायण राणे ने इसी मामले को लेकर उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल की, जिससे कोर्ट नाराज हो गया 10 लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश नारायण राणे को दिया था। नारायण राणे ने अवैध निर्माण बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी निराशा हाथ लगी थी। इसी वजह से 17 नवंबर से नारायण राणे ने अपने आलीशान बंगले में हुए अवैध निर्माण कार्य की तोड़फोड़ का काम शुरू कर दिया है।
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