मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के 10 जिलों में भव्य एवं अत्याधुनिक सर्व सुविधा युक्त न्यायालय भवनों के निर्माण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने आगरा, औरैया, हापुड़, कौशाम्बी, महोबा, बहराइच, चंदौली, हाथरस सहित 10 जिलों में नये न्यायालय भवनों के निर्माण के लिए लोक निर्माण एवं नियोजन विभाग के अधिकारियों से कहा कि इन भवनों की डिज़ाइन न सिर्फ खूबसूरत हो, बल्कि इन्हें वर्टिकल आकार में बनाया जाए ताकि भूमि की बचत हो। इनका निर्माण आनेवाले 25 से 30 साल बाद की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नये न्यायालय भवनों में न्यायाधीशों के लिए सुंदर, स्वच्छ और हवादार कमरों के साथ ही अधिवक्ताओं के लिए अच्छे चैम्बर, बड़ी लाइब्रेरी, कैंटीन, पार्किंग और सेमिनार हॉल भी निर्मित किये जाएं। निर्मित किये जाने वाले नये न्यायालय भवनों को सर्व सुविधायुक्त बनाकर इन्हें प्रदेश ही नहीं देश में भी एक मॉडल के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने 10 जिलों में नये बनने वाले न्यायालय भवनों के साथ ही न्यायाधीशों और अन्य न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आवासीय कॉलोनी के निर्माण के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया है। मुख्यमंत्री ने सभी न्यायालयों और रजिस्ट्रार दफ्तरों को ई-ऑफिस के रूप में अपग्रेड करने के लिए भी कहा है। उन्होंने भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अधिग्रहीत की गयी भूमि में कहीं भी कोई पैच या अन्य परेशानियां न हों।
न्यायालय भवनों के लिए बने तीन कैटेगरी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि देश के किसी भी न्यायालय भवन में कोई भी अच्छी व्यवस्था दिखती हो तो उसे भी आर्किटेक्चर में शामिल करें। खासकर के महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश के न्यायालय भवनों को जरूर देखें। उन्होंने नये न्यायालय भवनों के लिए तीन कैटेगरी बनाने के लिए कहा है। इसमें 40-70 लाख की आबादी, 25-40 लाख की आबादी और 25 लाख से कम आबादी वाले जिलों के लिए अगले 25 साल की जरूरतों के हिसाब से न्यायालय भवनों की रूपरेखा तैयार की जाए। उन्होंने सभी कार्य मिशन मोड में पूरा करने के लिए कहा है। साथ ही 15 दिन के भीतर पूरी कार्ययोजना और डिजाइन प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
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डीएम व कप्तान की जिला जज के साथ हो नियमित बैठक
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी न्यायालयों की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तानों को जिला जज के साथ नियमित बैठक करने के भी निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये बैठकें जिला जज की अध्यक्षता में होंगी और इसमें जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक अथवा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का होना अनिवार्य है।