प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आतंकी फंडिंग के खिलाफ आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का 18 नवंबर की सुबह 11 बजे ताज होटल में उद्घाटन करेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के 19 नवंबर को संबोधन के साथ सम्मेलन का समापन होगा। इस सम्मेलन में पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं किया गया है। चीन को न्योता भेजा गया है पर अभी तक उसकी स्वीकारोक्ति नहीं आई है। इस सम्मेलन में दुनिया के 72 देशों और छह संस्थाओं के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
सम्मेलन में पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं किए जाने पर कोई आधिकारिक टिप्पणी सामने नहीं आई है। माना जा रहा है कि भारत में आतंकी संगठनों की ओर से पाकिस्तान की फंडिंग जारी रहने के मद्देनजर उसे नहीं बुलाने का फैसला किया गया है। भारत में आतंकी फंडिंग के स्रोत के बारे में एजेंसियों की ओर से तैयार रिपोर्ट में पाकिस्तान की ओर से कश्मीर, खालिस्तान समर्थक आतंकवाद और इस्लामिक आतंकवाद को मिल रही वित्तीय मदद मिलने का आरोप लगाया गया है।
सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान की ओर इन तीन क्षेत्रों में आतंकी संगठनों को फंडिंग किए जाने के पर्याप्त सबूत हैं। आतंकी फंडिंग के खिलाफ वैश्विक सम्मेलन की जरूरत बताते हुए एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने कहा कहा कि यह पूरी दुनिया के लिए बड़ा मुद्दा है और बहुत सारे देश इससे किसी न किसी रूप में प्रभावित हैं। उनके अनुसार पिछले आठ सालों में भारत में कश्मीर, नक्सल, इस्लामिक आतंकवाद और पूर्वोत्तर भारत सभी क्षेत्रों में आतंकी घटनाओं में कमी आई है, लेकिन यहां सक्रिय संगठनों को फंडिंग जारी रहना भविष्य के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है। आतंकवाद और नक्सलवाद को समूल नष्ट करने के लिए फंडिंग को रोकना अहम है।
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गुप्ता के अनुसार दो दिन के सम्मेलन में कुल चार सत्र होंगे। प्रधानमंत्री मोदी के उद्घाटन के बाद पहले सत्र में आतंकी फंडिंग के ताजा ट्रेंड पर चर्चा होगी। इस सत्र में गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। दूसरे सत्र में आतंकी फंडिंग के औपचारिक व अनौपचारिक सभी तरीकों पर चर्चा होगी। 19 नवंबर को तीसरे सत्र में आतंकी फंडिंग के लिए नई तकनीक और रास्तों के इस्तेमाल पर चर्चा होगी। इसमें क्रिप्टो करेंसी व डार्क वेब भी शामिल है। अंतिम सत्र में आतंकी फंडिंग रोकने के लिए अंतराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की जरूरतों और सहयोग के बारे में चर्चा की जाएगी।
दिनकर गुप्ता के अनुसार आतंकी फंडिंग के खिलाफ भारत के समग्र प्रयास जारी हैं। एक महीने के भीतर यह तीसरा सम्मेलन है। पहले इंटरपोल और इसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ की समिति की मुंबई और दिल्ली में हुई बैठक में भारत आतंकी फंडिंग और आतंकवाद के खतरे के प्रति दुनिया को आगाह कर चुका है। इंटरपोल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया था कि दुनिया में आतंकियों के लिए पनाह की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
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