जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने18 नवंबर को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष पद से हटने की घोषणा करते हुए कहा कि यह नई पीढ़ी को जिम्मेदारी सौंपने का समय है।
उन्होंने कहा, “मैं अब पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ूंगा। इसके लिए चुनाव 5 दिसंबर को होंगे। यह नई पीढ़ी के लिए जिम्मेदारियां संभालने का समय है।’’उन्होंने कहा, ‘पार्टी का कोई भी व्यक्ति इस पद के लिए चुनाव लड़ सकता है। यह एक लोकतांत्रिक अभ्यास है।’
स्वास्थ्य कारणों से दिया इस्तीफा
अटकलें लगाई जा रही हैं कि 85 वर्षीय अब्दुल्ला पार्टी संरक्षक की भूमिका निभाएंगे। पार्टी के मौजूदा उपाध्यक्ष एवं उनके बेटे उमर अब्दुल्ला के पार्टी अध्यक्ष बनने की पूरी संभावना है। बताया जा रहा है कि उन्होंने ये त्याग पत्र अपने स्वास्थ्य कारणों से दिया है। श्रीनगर में उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनका स्वास्थ्य साथ नहीं दे रहा है, इसलिए वे अपने पद से त्याग पत्र दे रहे हैं।
प्रवक्ता ने की पुष्टि
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पार्टी प्रवक्ता तनवीर सादि ने फारुख अब्दुल्ला के पद छोड़ने की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अब जल्द ही नये अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नये अध्यक्ष चुने जाने तक फारुख अब्दुल्ला अध्यक्ष बने रहेंगे।
अखिलेश यादव से की थी मुलाकता
बता दें कि फारुक अब्दुल्ला ने 13 नवंबर को लखनऊ में थे और उन्होंने मुलायम सिंह यादव के निधन पर शोक व्यक्त किया था। इस दौरान उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी की थी। इस दौरान अखिलेश यादव के प्रधानमंत्री बनने की भी चर्चा हुई थी, तब उन्होंने कहा था कि इस पर सभी पार्टियों से चर्चा कर निर्णय लिया जाना चाहिए।
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि 2024 में तय होगा कि भाजपा और कांग्रेस के आलावा क्या और कोई बड़ी पार्टी है?
श्रीनगर में करना पड़ा था लोगों के विरोध का सामना
बता दें कि पिछले दिनों श्रीनगर में स्थानीय लोगों ने अब्दुल्ला का विरोध किया था। वे वहां से एक परिवार से मिलकर लौट रहे थे। इस दौरान एक व्यक्ति ने उनकी गाड़ी पर हमला भी किया था। तब फारुख अब्दुल्ला की सुरक्षा अफसरों ने उस व्यक्ति को पकड़ लिया था। हालांकि उन्होंने उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया था।