केंद्र सरकार, ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा रिव्यू के नाम पर ग्राहकों की दिशाभूल रोकने के लिए नया कानून ले आ रही है। इसके अनुसार ऑनलाइन व्यापार करनेवाली कंपनियों को अब यह जानकारी देना अनिवार्य होगा कि उनके कौन से रिव्यू पेड हैं। ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा के लिए ऐसा निर्णय सरकार द्वारा किया जा रहा है।
अपना सामान बेचने के लिए बहुत सी कंपनियां सामानों पर फेक रिव्यू या पेड रिव्यू का उपयोग करती हैं। कई बार ऐसे रिव्यू के लिए कर्मचारी या एजेंसी नियुक्त की जाती है जो रिव्यू लिखती हैं। अब सरकार ने ऐसे रिव्यू को प्रतिबंधित कर दिया है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के द्वारा बनाया मानक 25 नवंबर से लागू होगा, जिसके पालन के लिए कंपनियां स्वतंत्र हैं। परंतु, ग्राहकों की दिशाभूल यदि चलती रही तो सरकार इसे अनिवार्य कर सकती है।
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कंज्यूमर अफेयर्स सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने नया मानक निर्धारित किया है, ‘आईएस 19000:2022’, जो ऑनलाइन कंज्यूमर रिव्यू से संबंधित है। इसमें अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां आती हैं। नए मानक ई-कॉमर्स की सभी कंपनियों पर लागू होंगे और यह सप्लायर, प्रोडक्ट एंड सर्विसेस पर भी लागू होगा। इस संबंध में अगले पंद्रह दिनों में बीआईएस एक सर्टिफिकेशन प्रक्रिया ले आएगा।
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