संविधान दिवस के उपलक्ष्य में हिंदुस्थान पोस्ट के संविधान दिवस विशेषांक का विमोचन वरिष्ठ पत्रकार महेश म्हात्रे, स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के अध्यक्ष प्रवीण दीक्षित, कार्यवाह राजेंद्र वराडकर, सदस्य शैलेंद्र चिखलकर और हिंदुस्थान पोस्ट के संपादक स्वप्निल सावरकर की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम को पूर्व पुलिस महानिदेशक व स्मारक के अध्यक्ष प्रवीण दीक्षित और वरिष्ठ पत्रकार महेश म्हात्रे ने संबोधित किया।
वीर सावरकर के मार्गदर्शन में संविधान निर्मिती
स्वतंत्रता प्राप्ति के पहले ही हिंदू महासभा ने 21 मई 1944 में स्वातंत्र्यवीर सावरकर के मार्गदर्शन में संविधान निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया था। इसके लिए हिंदू महासभा ने स्वतंत्र समिति का गठन किया था। इस समिति में दा.वि गोखले, ल.ब भोपटकर, केलकर, मो.रा ढमढेरे का समावेश था। इस समिति में संभाव्य मुद्दों पर चर्चा करते हुए सभी देशों के संविधान का अध्ययन करते हुए 100 पृष्ठों का दस्तावेज प्रकाशित किया था। उसे स्वतंत्रत हिंदुस्थान का संविधान नाम से प्रकाशित किया गया था।
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हम दिन मनाते हैं, लेकिन वह क्यों मनाते हैं इस पर हो विचार
वरिष्ठ पत्रकार महेश म्हात्रे ने कहा कि, स्वतंत्रता के पहले और बाद की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए हम दिन मनाते हैं। लेकिन अब इसका विचार करना आवश्यक है कि, यह दिवस क्यों आयोजित किया जाता है। वर्तमान में विश्व का हर 6वां व्यक्ति भारतीय है। हमारी जनसंख्या लगभग 141 करोड़ की है। यह जनसंख्या एक ग्रंथ में बंधी हुई है। इस संविधान ने भारतीयों को जो आत्मबल दिया है, उस पर चिंतन करने का यह दिन है। इंग्लैंड, अमेरिका जैसे देशों के संविधान से अच्छे मुद्दे लेकर भारतीय संविधान का निर्माण हुआ है। परंतु, उस समय की जनसंख्या 35 करोड़ थी जो अब 141 करोड़ की हो गई। इसका ध्यान हमें रखना होगा। संविधान ने स्वतंत्रता, समता, बंधुता जैसे तत्व हमें दिये हैं।