महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपना पद छोड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने अपने करीबियों से यह इच्छा जताते हुए जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध किया है। वे अपने गृह प्रदेश उत्तराखंड वापस लौटना चाहते हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर दिए अपने बयान पर विवादों में घिरे राज्यपाल कोश्यारी अपने पद और जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं। हालांकि इस बारे में कोई अधिकृत जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।
महाविकास आघाड़ी, भाजपा सांसद उदयनराजे भोसले और पूर्व सांसद शंभाजी राजे छत्रपति के विरोध और बढ़ते दबाव के कारण वे बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। उनके इस बयान को लेकर चौतरफा हमले हो रहे हैं। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी से उन्हें दिल्ली वापस बुलाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि राज्यपाल कोश्यारी ने सारी हदें पार कर दी हैं।
सरकार और विपक्ष आमने-सामने
शरद पवार और उद्धव ठाकरे राज्यपाल को वापस दिल्ली बुलाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राज्यपाल के बयान को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है। दूसरी ओर बालसाहेब की शिवसेना के नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि विपक्ष के सामने कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वह इस तरह का बयान दे रहा है।
पवार ने क्या कहाः
पवार ने कहा है कि राज्यपाल ने सभी मर्यादाएं तोड़ दी हैं। इसलिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ऐसे संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के बारे में निर्णय लेना चाहिए, जो गैर जिम्मेदाराना बयान देते हैं। कोश्यारी जैसे लोगों को राज्यपाल का पद नहीं दिया जाना चाहिए।
कोश्यारी ने क्या कहा थाः
राज्यपाल कोश्यारी केंद्रीय गृह मंत्री नितिन गडकरी और राकांपा प्रमुख शरद पवार के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में राज्यपाल कोश्यारी ने कहा था कि पहले जब पूछा जाता था कि आपका नायक कौन है, तब कहते थे कि जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी। महराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने आइकन हैं, अब बीआर आंबेडकर और नितिन गडकरी हैं।