बिहार में लव जिहाद का एक मामला प्रकाश में आया है। प्रदेश के पुर्णिया जिले में 24 नवंबर को एक मुसलमान द्वारा हिंदू लड़की को फंसाकर भगा ले जाने के मामले में पीड़िता के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पीड़िता के परिजनों का कहना है कि स्थानीय थानेदार मेराज हुसैन आरोपित को बचा रहे हैं। चिंता की बात ये है कि अभी भी लड़की नहीं मिली है। दूसरी ओर थानेदार का कहना है कि वे कानून के अनुसार कार्रवाई कर रहे हैं।
पुलिस ने आरोपी से वीडियो कॉल पर की बात
प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी के पिता और भाई को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। पीड़िता के परिजनों ने फराज के भाई पर बदतमीजी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि थानेदार ने फराज से वीडियो कॉल के जरिए बात भी की है। वह मामले में खुद को बेगुनाह बता रहा है। इस बीच लड़की के हैदराबाद में होने की जानकारी मिली है।
पीड़िता के परिजनों का आरोप
लड़की के परिजनों का कहना है कि उनकी बेटी नाबालिग है, जबकि पुलिस उसे बालिग बताने की कोशिश कर रही है। लड़की के चाचा बिक्रम कुमार अग्रवाल का कहना है कि पुलिस मामले में खुद कुछ भी नहीं कर रही है। उल्टा वे फराज और उसके लोगों द्वारा दी जा रही जानकारी पर काम कर रही है।
थानेदार की बोलती ऐसे हुई बंद
बिक्रम कुमार ने बताया कि पहले पुलिस उनकी भतीजी को बालिग बता रही थी, लेकिन जब 10वीं की सर्टिफिकेट के साथ कोर्ट की मुहर लगाकर लाने के बाद उसे मजबूरी में लड़की को नाबालिग मानना पड़ा। बिक्रम कुमार ने कहा कि फराज के मोहल्ले में हिंदू लोग काफी कम हैं। उन्होंने दावा किया कि पिछले छह महीने में उनके क्षेत्र में लव जिहाद के तीन मामले हो चुके हैं। बिक्रम ने बताया कि फराज के परिजनों में न कोई अपराध बोध है और न पुलिस का डर है।