उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव को लेकर इस समय राजनीति गरमाई हुई है। इस उपचुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश सिंह यादव के चाचा शिवपाल यादव भाजपा की जगह अपनी बहू डिंपल यादव का सपोर्ट कर रहे हैं। वह मैनपुरी में डिंपल को जिताने के लिए ताबड़तोड़ जनसभाएं कर रहे हैं और गांव-गांव घूम कर वोट मांग रहे हैं। भाजपा से ऐन वक्त में इस तरह दूरी बनाना अब शिवपाल यादव को भारी पड़ने वाला है।
ये भी पढ़ें- शिवसेना को लेकर शिंदे-उद्धव विवादः इस कारण टली सुनवाई
एक दिन पहले ही घटाई गई थी सुरक्षा
दरअसल, एक दिन पहले ही शिवपाल यादव की सुरक्षा को कम कर दिया गया था, लेकिन अब सीएम योगी ने एक और बड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार ने अब गोमती रिवर फ्रंट मामले में शिवपाल और दो आला अधिकारियों से पूछताछ के लिए सीबीआई को अनुमति दे दी है। इसके साथ ही अब शिवपाल योगी आदित्यनाथ के निशाने पर भी सबसे अधिक रहने लगे हैं।
शिवपाल से सीबीआई करेगी पूछताछ
गोमती रिवर फ्रंट घोटाला मामले में तत्कालीन सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव और दो आला अधिकारियों की भूमिका की जांच शुरू हो गई है। योगी सरकार ने सीबीआई को उनसे पूछताछ की अनुमति दे दी है। गोमती रिवर फ्रंट परियोजना के लिए सपा सरकार ने 2014-15 में 1513 करोड़ रुपए की स्वीकृत की थी। योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद 2017 में गोमती रिवर फ्रंट की न्यायिक जांच कराई गई थी। जिसके बाद इसे सीबीआई को सौंप दिया गया था। सीबीआई इस मामले में दो आईएएस अधिकारी और शिवपाल से पूछताछ करना चाहती थी, जिसकी अनुमति अब योगीप सरकार ने दे दी है।
तवज्जो न मिलने के बाद भी परिवार की ओर झुके शिवपाल
बता दें कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव के पिछले कई साल से अपने भतीजे अखिलेश यादव से रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे थे। सपा प्रमुख भी अपने चाचा को अधिक तवज्जो नहीं दे रहे थे। इसके बाद चर्चा थी कि वह अपनी पार्टी के साथ भाजपा का दामन थाम सकते हैं। लेकिन मैनपुरी उपचुनाव से ऐन वक्त पहले शिवपाल अपने परिवार की ओर झुक गए हैं। और अब वह मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में खड़ी अपनी बहू डिंपल यादव के लिए वोट मांग रहे हैं। शिवपाल यादव का चुनाव से कुछ समय पहले ही इस तरह मुंह मोड़ना भाजपा को बिलकुल भी पसंद नहीं आया।