दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली हिंसा की साजिश से जुड़े आरोपितों की जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दिया है। 29 नवंबर को जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच के सदस्य जस्टिस रजनीश भटनागर के उपलब्ध नहीं होने की वजह से सुनवाई टाल दी गई। मामले की सुनवाई 30 नवंबर को होगी।
सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच जिन आरोपितों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, उनमें खालिद सैफी, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर वगैरह शामिल हैं। 18 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने इस मामले के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
यह है मामला
उच्च न्यायालय ने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को दिसंबर 2019 और फरवरी 2020 के बीच हुई बैठकों का नतीजा थी, जिनमें उमर खालिद भी शामिल हुआ था। हाईकोर्ट ने कहा था कि उमर खालिद का नाम साजिश की शुरुआत से लेकर दंगा होने आता रहा। उमर खालिद व्हाट्स ऐप ग्रुप डीपीएसजी और मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑफ जेएनयू का सदस्य था। उमर खालिद ने कई बैठकों में हिस्सा लिया। हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर चार्जशीट पर भरोसा किया जाए तो ये साजिश की ओर साफ-साफ इशारा कर रहे हैं।