चक्रव्यूह फिल्मी है! योगी जी बनाओगे पर बिकने और दिखने का क्या?

146

मुंबई। पिछले कुछ महीनों से मुंबई फिल्म इंडस्ट्री की हो रही बदनामी और एकाधिकार के खुलासे के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार नोएडा में एक अन्तराष्ट्रीय स्तर की शानदार फिल्मसिटी बनाएगी, जिसमें फिल्म निर्माण से जुड़ी हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। इस फिल्मसिटी में पूरे देश के कलाकार बिना किसी भेदभाव और डर के काम कर सकेंगे। सरकार यहां फिल्मों के प्रोडूसर्स और कलाकारों की हर तरह से मदद करेगी।
फिल्म बनाना है आसान, थिएटर तक पहुंना मुश्किल
योगी जी इस बात के लिए निश्चित रुप से बधाई के पात्र हैं। विशेष कर उत्तर भारत के कलाकार उनके इस ऐलान से जरुर खुश हुए होंगे। लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि फिल्में तो यहां बन जाएंगी, लेकिन उनका डिस्ट्रीब्यूशन कैसे होगा और वे रिलीज कहां तथा कैसे होंगी।
हर क्षेत्र में उनका दबदबा
यहां फिर लॉबी और एकाधिकार आड़े आ जाते हैं। देश के अधिकांश मल्टीप्लेक्स और थिएटरों पर कुछ खास लोगों का कब्जा है और बिना उनके इशारे के किसी के लिए अपनी फिल्म रिलीज करना लोहे के चने चबाने जैसा है। इसके साथ ही फायनैंसर-इन्वेस्टर और फिल्म निर्माण से जुड़े अन्य सेक्टर में भी उनका दबदबा है। जानकार बताते हैं कि ये इन्वेस्टर पहले ही बोली लगाकर नये प्रोड्यूसर्स की फिल्में औने-पौने में खरीद लेते हैं और फिर अपने हिसाब से उसे रिलीज करते हैं। इस वजह से नये और छोटे प्रोड्यूसर को फिल्म इंडस्ट्री में इंट्री मिलना काफी मुश्किल काम है। इसके साथ ही यह लॉबी नये कलाकारों को भी जल्दी इंडस्ट्री में इंट्री लेने नहीं देती।
फिल्म इंडस्ट्री की ये है सच्चाई
फिल्म ऐक्टर सुदीप पांडेय का कहना है कि बॉलीवुड में एक बड़ी लॉबी काम करती है। वह तय करती है कि किस फिल्म को हिट कराना है और किसे फ्लॉप । इस इंडस्ट्री में एक ऐसा सिस्टम बना हुआ है, जिसमें आम लोगों की इन्ट्री न के बराबर होती है। और यदि मेहनत और किस्मत से कोई आ भी गया तो भी उसे उनकी शर्तों पर ही काम करना होगा।
रवि किशन को हटाना पड़ा था सरनेम
फिल्म अभिनेता और भाजपा सांसद रवि किशन के अनुसार ,मुंबई फिल्म इंडस्ट्री मे काफी भेदभाव होता है। इसी वजह से उन्हें अपने नाम के आगे से शुक्ला सरनेम हटाना पड़ा था, तब जाकर उन्हें इंडस्ट्री मे काम मिल पाया।
योगीजी के ऐलान से उत्साहित
रवि किशन का कहना है कि योगी जी की इस फिल्मसिटी में कोई भेदभाव नहीं होगा और सबको एक नजर दे देखा जायेगा। रही बात फिल्मों के थिएटर तक पहुंचाने की तो उसका भी सरकार उचित प्रबंध करेगी । देश में अभी तक फिल्म इंडस्ट्री का हब अकेली मुंबई ही रही है, इसलिए उसपर कुछ लोगअपना एकाधिकार समझते हैं।
कंगना ने दिखाया बॉलीवुड का असली चेहरा
दरअस्ल मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के बारे में बहुत पहले से ही तरह-तरह की बातें कही जाती रही हैं, लेकिन आजतक किसी ने इस बारे में खुलकर बोलने की हिम्मत नहीं जुटाई थी। अगर किसी ने कुछ कहने की कोशिश भी की तो उसे मुंह बंद रखने पर मजबूर कर दिया, लेकिन सुशांत सिंह राजपूत केस के बाद बॉलीवुड की हकीकत लोगों के सामने आ गई। उसके बाद कंगना रनौत ने तो इंडस्ट्री की एक-एक सच्चाई को उजागर कर बॉलीवुड के असली चेहरे को पूरी दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया। उसके बाद बॉलीवुड के और भी कई कलाकारों तथा अन्य क्षेत्र से जुड़े लोगों ने अपने साथ हुए भेदभाव को स्वीकीर कर कंगना के आरोप पर मुहर लगा दी। इसलिए अब जरुरी है कि बॉलीवुड पर चंद लोगों का एकाधिकार खत्म हो और यहां सबको काम करने का सामान्यअवसर मिले। इसके साथ ही देश के अन्य राज्यों में ऐसे ही फिल्म उद्योग शुरू करने से इनका एकाधिकार अपने आप खत्म हो जाएगा।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.