महाराष्ट्र में बिजली दर वृद्धि का संकट गहराने लगा है। महाराष्ट्र वीज ग्राहक संगठन ने लगभग 75 पैसे से 130 पैसे प्रति यूनिट बिजली दर बढ़ने की संभावना जताई है।
ग्राहक संगठन की ओर से कहा गया है कि -10 प्रतिशत से 18 फीसदी महंगाई के झटके की संभावना है। बिजली कंपनियों की अकार्यक्षमता, अनियमितता, चोरी और भ्रष्टाचारी कामकाज के चलते प्रदेश के आम बिजली उपभोक्ताओं को शिकार बनाने की साजिश रची गई है।
विरोध करने की अपील
संगठन ने कहा है बिजली उपभोक्ताओं व औद्योगिक संगठनों को इस दर वृद्धि का पुरजोर विरोध करना चाहिए। बिजली मामलों के जानकार व संगठन के अध्यक्ष प्रताप होगाडे के अनुसार “बहु-वर्षीय टैरिफ विनियम के तहत तीसरे वर्ष में नवंबर के अंत तक आयोग के समक्ष एक पुनरीक्षण याचिका दायर कर अंतर की मांग की जा सकती है। महावितरण कंपनी द्वारा एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर राज्य के छह राजस्व विभागवार सार्वजनिक रूप से सुनवाई की जाएगी। इसके बाद मार्च 2023 के अंत तक निर्णय लिया जाएगा और उसी के अनुसार नई दरें अप्रैल 2023 से अगले दो वर्षों के लिए लागू होंगी। इसका बिजली उपभोक्ताओं पर अनावश्यक बोझ पड़ेगा। साथ ही अत्यधिक औद्योगिक बिजली टैरिफ औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए खतरनाक बाधाएं पैदा करेगा।
उपभोक्ता के हित का ख्याल रखना जरूरी
होगाडे के अनुसार राज्य सरकार को भी लोगों के कई तरह के सवालों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए राज्य के हित में यही होगा कि राज्य सरकार, बिजली नियामक आयोग और बिजली कंपनियां इस मुद्दे को गंभीरता और ईमानदारी से देखें। उपभोक्ता हित और राज्य के विकास को ध्यान में रखते हुए निर्णय लें।