भारतीय रेल के बेड़े में शामिल होगी सोलर ट्रेन? जानिये, क्या कहते हैं रेल मंत्री

रेल मंत्री ने बताया कि भारतीय रेलवे ने 2030 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने की परिकल्पना की है।

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 7 दिसंबर को लोकसभा को बताया कि भारतीय रेलवे के बेड़े में सोलर ट्रेन शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 7 दिसंबर को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, वर्तमान में, रेलवे के बेड़े में सोलर ट्रेन को शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सौर प्रणाली दिन के समय काम करता है और लगभग 4 से 5 घंटे का बैटरी बैकअप देती है। धुंध व बारिश और सर्दी के मौसम में यह प्रणाली ठीक से कार्य नहीं करती है और मौसम की स्थिति के आधार पर बैटरी बैकअप 2 से 3 घंटे तक कम हो जाता है। इसलिए, इस प्रणाली पर आगे कार्य नहीं किया गया है।

2030 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करना लक्ष्य
रेल मंत्री ने बताया कि भारतीय रेलवे ने 2030 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने की परिकल्पना की है। इस संबंध में, अन्य बातों के साथ-साथ ब्रॉड गेज (बीजी) रेल नेटवर्क का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण सहित अन्य उपाय किए गए हैं। जैसे लगभग 142 मेगा वाट और सौर संयंत्र (छतों और इसकी खाली भूमि दोनों पर) तथा लगभग 103 मेगावाट पवन ऊर्जा संयंत्रों को 31.10.2022 तक कमीशन कर दिया गया है।

रेल मंत्री ने बताया कि इन उपायों में रेल इंजन, इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (ईएमयू) ट्रेनों, मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (एमईएमयू) ट्रेनों, कोलकाता मेट्रो रेक और इलेक्ट्रिक ट्रेन सेटों में पुनर्योजी ब्रेकिंग के साथ इंसुलेटेड गेट बाइपोलर ट्रांजिस्टर (आईजीबीटी) आधारित 3-फेज प्रणोदन प्रणाली का उपयोग शामिल है। ध्वनि, वायु प्रदूषण और डीजल की खपत को कम करने के लिए एंड ऑन जेनरेशन (ईओजी) ट्रेनों को हेड ऑन जेनरेशन (एचओजी) ट्रेनों में बदलना भी शामिल है। बिजली की खपत में कमी के लिए रेलवे स्टेशनों, सेवा भवनों, आवासीय क्वार्टरों और सवारी डिब्बों सहित सभी रेल प्रतिष्ठानों में प्रकाश उत्सर्जक डायोड (एलईडी) प्रकाश व्यवस्था का प्रावधान। कार्बन सिंक बढ़ाने के लिए रेल भूमि का वनीकरण। विभिन्न औद्योगिक इकाइयों, रेलवे स्टेशनों और अन्य रेल प्रतिष्ठानों का ग्रीन सर्टिफिकेशन किया जा चुका है। इसके अलावा, विभिन्न रेलवे स्टेशनों का पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली (ईएमएस) : आईएसओ 14001 प्रमाणीकरण भी किया गया है। पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) का निर्माण। अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना करना शामिल है।

रेल मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, भारतीय रेल ने पारंपरिक स्रोतों के माध्यम से ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए उत्तरोत्तर नवीकरणीय ऊर्जा की खरीद करने का निर्णय लिया है।

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